कोरोना की मार से उबरा उत्तराखंड का कारोबार, जीएसटी संग्रह की स्थिति अब हो चली सामान्य
अब हम कह सकते हैं कि उत्तराखंड का कारोबार कोरोना की मार से उबर गया है। कोरोना पर निरंतर जीत हासिल करने और त्योहारी सीजन की बूस्टर डोज के बाद नवंबर व दिसंबर का जीएसटी संग्रह हालात सामान्य होने की तरफ इशारा कर रहा है।
सुमन सेमवाल, देहरादून। अब हम कह सकते हैं कि उत्तराखंड का कारोबार कोरोना की मार से उबर गया है। अप्रैल में अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच चुके जीएसटी संग्रह की स्थिति अब सामान्य हो चली है। कोरोना पर निरंतर जीत हासिल करने और त्योहारी सीजन की बूस्टर डोज के बाद नवंबर व दिसंबर का जीएसटी संग्रह हालात सामान्य होने की तरफ इशारा कर रहा है। दोनो माह उत्तराखंड में किए गए कारोबार से जीएसटी संग्रह का आंकड़ा 500 करोड़ रुपये के पार रहा। स्टेट जीएसटी के रूप में उत्तराखंड के हिस्से आए राजस्व की बात करें तो यह आंकड़ा 150 करोड़ रुपये से ऊपर रहा।
22 मार्च को जनता कफ्र्यू के साथ शुरू किए गए लॉकडाउन के बाद अप्रैल में जीएसटी संग्रह महज 116.90 करोड़ रुपये (राज्य का हिस्सा 27.75 करोड़) रहा था। मई में राजस्व में कुछ बढ़ोत्तरी जरूर हुई, मगर यह आंकड़ा भी 279 करोड़ रुपये (राज्य का हिस्सा 63.66 करोड़) तक ही पहुंच पाया। जून से अनलॉक की बहाली का सिलसिला तेज हो गया था। मगर, कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज होने के चलते कारोबार ने धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ी। अक्टूबर में त्योहारी सीजन ने दस्तक दी तो कारोबार भी रफ्तार पकडऩे लगा। नवंबर में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के प्रयास तेज होने व वैक्सीन की उम्मीद के साथ कारोबारी गतिविधियां और तेज हो गईं। यही कारण भी रहा कि नवंबर के साथ दिसंबर में भी कारोबार व उससे मिलने वाले जीएसटी में आशा के अनुरूप बढ़त देखने को मिली।
माहवार जीएसटी की स्थिति (करोड़ रुपये में)
माह, सीजीएसटी, एसजीएसटी, आइजीएसटी, कुल संग्रह
अप्रैल, 21.66, 27.75, 67.41, 116.90
मई, 56.82, 63.66, 158.76, 279.61
जून, 93.02, 115.77, 191.45, 401.84
जुलाई, 91.02, 112.22, 212.18, 416.66
अगस्त, 96.68, 125.70, 251.35, 474.08
सितंबर, 104.5, 134.50, 236.79, 477.12
अक्टूबर, 116.86, 163.49, 285.98, 567.31
नवंबर, 91.88, 152.29, 290.30, 535.17
दिसंबर, 95.92, 161.84, 274.2, 533.08
(नोट: कुल जीएसटी संग्रह में 6.62 करोड़ रुपये का सेस (उपकर) अतिरिक्त है।)
एक हजार करोड़ रुपये का अंतर
लॉकडाउन और अनलॉक के शुरुआती चरण में कारोबार प्रभावित होने के चलते अप्रैल से दिसंबर तक पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले इस साल कारोबार में करीब एक हजार करोड़ रुपये का अंतर है। पिछले वित्तीय वर्ष में इन नौ माह में 4888 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह हुआ था, जबकि इस वर्ष जीएसटी संग्रह 3801 करोड़ रुपये के करीब रहा। उम्मीद है कि मार्च तक यह अंतर भर सकता है।
यह भी पढ़ें-औली में खूब भर रही जीएमवीएन की झोली, दो महीनों में निगम को मिला पांच गुना अधिक राजस्व