उत्तराखंड में छह नए नगर निकायों के गठन को हरी झंडी
सरकार ने राज्य में शहरी क्षेत्रों की संख्या बढ़ाने की मुहिम तेज कर दी है। इसी कड़ी में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में एक नगर पालिका परिषद और पांच नगर पंचायतों के गठन को मंजूरी दे दी गई।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। इसे चुनावी वर्ष का असर कहें या कुछ और। बात चाहे जो हो, लेकिन सरकार ने राज्य में शहरी क्षेत्रों की संख्या बढ़ाने की मुहिम तेज कर दी है। इसी कड़ी में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में एक नगर पालिका परिषद और पांच नगर पंचायतों के गठन को मंजूरी दे दी गई। इसके साथ ही राज्य में अब नगर निकायों की संख्या बढ़कर 97 हो गई है। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही पांच और नए नगर निकायों के लिए भी कवायद चल रही है। जल्द ही इनकी भी घोषणा की जा सकती है।
प्रदेश में वर्तमान में आठ नगर निगम, 41 नगर पालिका परिषद और 42 नगर पंचायतें हैं। इस बीच शहरी इलाकों से लगे उपनगरीय क्षेत्रों के अलावा शहरों जैसा आकार ले चुके गांवों को नगर निकायों का दर्जा देने की मांग भी लगातार उठ रही है। इसे देखते हुए सरकार ने पूर्व में सभी संबंधित क्षेत्रों के जिलाधिकारियों से इस संबंध में प्रस्ताव मांगे। शहरी विकास विभाग को मिले इन प्रस्तावों पर शासन स्तर पर मंथन हुआ। इसके बाद छह नए नगर निकायों के गठन से संबंधित प्रस्ताव बुधवार को कैबिनेट के समक्ष रखे गए, जिन्हें मंजूरी दे दी गई।
कैबिनेट ने बागेश्वर जिले के अंतर्गत गरुड़ विकासखंड मुख्यालय को नगर पालिका परिषद बनाने पर मुहर लगाई गई। गरुड़ मुख्य रूप से बैजनाथ-कौसानी-ग्वालदम और अल्मोड़ा मोटर मार्ग से जुड़ा है। बैजनाथ मंदिर समूह पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल होने के साथ ही इसका अपना धार्मिक महत्व भी है। अब गरुड़ के नगर पालिका परिषद बनने से पर्यटन विकास को भी नए आयाम मिलेंगे।
इसके अलावा पांच नगर पंचायतों के गठन का भी निर्णय लिया गया है। इनमें ऊधमसिंहनगर जिले में नगला और हरिद्वार जिले में ढंडेरा, इमलीखेड़ा, पाडली गुर्जर व रामपुर शामिल हैं। हरिद्वार जिले में जिन नगर पंचायतों के गठन को मंजूरी दी गई है, वे क्षेत्र पहले रुड़की नगर निगम का हिस्सा थे। पूर्व में नगर निगम के सीमा विस्तार में इन्हें निगम से बाहर कर दिया गया था।
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