अपनेपन, सहजता और गर्मजोशी से सभी का दिल जीतने में सफल रहे राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह

राज्य के आठवें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह का शपथ ग्रहण समारोह सादगी के साथ ही अपनेपन की छाप भी छोड़ गया। शपथ ग्रहण समारोह खत्म होते ही पूर्व सैन्य अधिकारियों व गैर सैन्य पृष्ठभूमि के अपने मित्रों से वह सहज अंदाज में मिले।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 11:10 AM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 11:10 AM (IST)
अपनेपन, सहजता और गर्मजोशी से सभी का दिल जीतने में सफल रहे राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह
उत्तराखंड के नवनियुक्त राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने शपथ ली। जिसके बाद दोस्त के गले लगते हुए।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह सादगी, गर्मजोशी और सहजता से अपने मित्रों, पूर्व सैन्य अधिकारियों और अपने गांववासियों का दिल जीतने में सफल रहे। शपथ ग्रहण समारोह खत्म होते ही पूर्व सैन्य अधिकारियों व गैर सैन्य पृष्ठभूमि के अपने मित्रों से वह सहज अंदाज में मिले, बात की और उन्हें गले भी लगाया। पंजाब में अमृतसर जिले में उनके पैतृक गांव जलाल उस्मा से भी ग्रामीण समारोह में भाग लेने बेहद उत्साह से पहुंचे।

राज्य के आठवें राज्यपाल गुरमीत सिंह का शपथ ग्रहण समारोह सादगी के साथ ही अपनेपन की छाप भी छोड़ गया। समारोह में शामिल होने उनके स्वजन दिल्ली से पहुंचे। बड़ी बहन जोगिंदर कौर का उत्साह देखते ही बना। भाई को उत्तराखंड में सर्वोच्च पद की जिम्मेदारी मिलने पर वह बोलीं, उनके भाई बेहद समझदार हैं। जैसे सेना में संभाली, वैसे ही यह जिम्मेदारी भी सरलता से निभा लेंगे। उन्होंने गुरमीत सिंह की छोटे से देखरेख की है। अपनी लगन से ऊंचे पद पर पहुंचा है। बहनोई गुरदयाल सिंह भी जोगिंदर कौर की हर बात पर सहमति से सिर हिलाते रहे।

गांव का नाम हुआ रोशन

बड़े भाई गुरचरण सिंह और भाभी परमजीत कौर भी फूले नहीं समाते दिखे। गुरचरण बोले, गुरमीत में गजब का जज्बा है। हर चुनौती को लेने के लिए झिझकते नहीं हैं। जलाल उस्मा ग्राम पंचायत के सरपंच गुरबख्श सिंह रंधावा बोले, गुरमीत सिंह ने गांव का नाम रोशन किया है। उनके गांव से सेना में बड़े पदों पर कई व्यक्ति रहे। देश की आजादी की लड़ाई में भी गांव का बड़ा योगदान रहा है।

सीएस डा संधु का पैतृक गांव है जलाल उस्मा

उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव डा एसएस संधु का पैतृक गांव जलाल उस्मा रहा है। बाद में उनका परिवार नजदीकी गांव बाबा बकाला स्थानांतरित हो गया। गर्व के साथ उन्होंने बताया कि मशहूर पहलवान व सिने अभिनेता दारा सिंह भी उनके पड़ोस के गांव के थे।

मित्र बोले, सामाजिक हैं गुरमीत सिंह

पूर्व सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह की राज्यपाल के रूप में ताजपोशी से खुश दिखाई दिए। सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी वी रामानन बोले, उत्तराखंड को इस पद के लिए बेहद जिम्मेदार व्यक्ति मिला है। सेवानिवृत्त कर्नल जगदीश पंत ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह सैन्य परिवारों का दुख-दर्द समझते हैं। राज्यपाल के मित्र जवाहर धवन, रणवीर यादव व कर्नल मधोक और गुरमीत एक सुर से बोले कि बड़े पद मिलने के बावजूद उनके दोस्त गुरमीत सिंह ने हमेशा आत्मीय संबंध बनाए रखे। वह हर सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जरूर पहुंचते हैं।

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