उत्तराखंड में अर्ली वार्निंग सिस्टम को सर्वे कराएगी सरकार, पढ़िए पूरी खबर

चमोली जिले के अंतर्गत रैणी में आई आपदा और अब मानसून में डरा रहे नदियों के रौद्र रूप को देखते हुए राज्य में अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित करने की जरूरत शिद्दत से महसूस की जा रही है। इस कड़ी में शासन भी सक्रिय हो गया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 06:05 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 06:05 AM (IST)
उत्तराखंड में अर्ली वार्निंग सिस्टम को सर्वे कराएगी सरकार, पढ़िए पूरी खबर
नदियों के अपर स्ट्रीम (ऊपरी हिस्सों) में अर्ली वार्निंग सिस्टम के लिए केंद्रीय जल आयोग का हाथ थामा गया है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। चमोली जिले के अंतर्गत रैणी में आई आपदा और अब मानसून में डरा रहे नदियों के रौद्र रूप को देखते हुए राज्य में अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित करने की जरूरत शिद्दत से महसूस की जा रही है। इस कड़ी में शासन भी सक्रिय हो गया है। नदियों के अपर स्ट्रीम (ऊपरी हिस्सों) में अर्ली वार्निंग सिस्टम के लिए केंद्रीय जल आयोग का हाथ थामा गया है। जल्द ही आयोग सर्वे की कसरत शुरू करेगा। फिर इसकी रिपोर्ट के आधार पर यह सिस्टम विकसित किए जाएगा। सर्वे के लिए शासन जल्द ही आयोग की सर्वे टीम में आपदा प्रबंधन और सिंचाई विभाग के एक-एक कार्मिक को भी नामित करेगा।

उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित रैणी में फरवरी में आई आपदा के बाद से ही अर्ली वार्निंग सिस्टम पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया जा रहा है। दरअसल, समूचा उत्तराखंड ही आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। रैणी आपदा के बाद अब मानसून सीजन की शुरुआत में ही नदियों का वेग भयभीत करने लगा है। नदियों के निचले क्षेत्रों में तो तंत्र की ओर से मुनादी समेत अन्य कदम उठाकर नदियों के किनारे की बसागत को खाली कराया जाता है, मगर ऊपरी क्षेत्रों में ऐसा कोई सिस्टम विकसित नहीं हो पाया है। यदि ऊपरी क्षेत्रों में अर्ली वार्निंग सिस्टम तैयार हो जाए तो इससे ऊपरी क्षेत्रों के साथ ही निचले क्षेत्रों में आपदा के असर को न्यून करने में मदद मिलेगी।

इसे देखते हुए अब शासन भी सक्रिय हो गया है। सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन के अनुसार नदियों के अपर स्ट्रीम में अर्ली वार्निंग सिस्टम के लिए केंद्रीय जल आयोग को पत्र लिखकर प्रस्ताव मांगा गया है। आयोग ने इस संबंध में होने वाले सर्वे के लिए आयोग की सर्वे टीम में आपदा प्रबंधन और सिंचाई विभाग के एक-एक कार्मिक को नामित करने का सुझाव दिया है।

सचिव मुरुगेशन ने बताया कि जल्द ही कार्मिक नामित कर दिए जाएंगे और फिर जल आयोग प्रदेशभर में नदियों की अपर स्ट्रीम में सर्वे करेगा। उन्होंने कहा कि इस सर्वे रिपोर्ट मिलने के पश्चात अर्ली वार्निंग सिस्टम विकसित करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। इस पहल के आकार लेने पर नदियों के जल स्तर की अपर स्ट्रीम से ही पूरी जानकारी मिलने पर ऊपर से निचले क्षेत्रों तक तुरंत अलर्ट जारी करने में मदद मिलेगी।

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