उत्तराखंड में पंचायतों को सशक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही सरकार, अब तक उठाए गए हैं कई कदम

कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायतों को सशक्त बनाने के अपने संकल्प को पूर्ण करने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। पिछले पांच वर्षों में संविधान के 73वें संशोधन के अनुरूप पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने को कई कदम उठाए गए हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 10:31 AM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 10:31 AM (IST)
उत्तराखंड में पंचायतों को सशक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही सरकार, अब तक उठाए गए हैं कई कदम
उत्तराखंड में पंचायतों को सशक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही सरकार।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायतों को सशक्त बनाने के अपने संकल्प को पूर्ण करने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। पिछले पांच वर्षों में संविधान के 73वें संशोधन के अनुरूप पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने को कई कदम उठाए गए हैं।

कैबिनेट मंत्री पांडेय ने अपने विभागों से संबंधित कार्यों को लेकर जनता से संवाद का सिलसिला शुरू किया है। इस कड़ी में शनिवार को उन्होंने पंचायती राज विभाग के कार्यों को लेकर जनता के नाम पत्र जारी किया। साथ ही सुझाव भी मांगे हैं। उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायतें स्वावलंबी व स्वायत्त हों इसके लिए सरकार कृत संकल्प है। पंचायतों को ई-स्वरूप देकर सभी व्यवस्थाएं पारदर्शी और समयबद्ध बनाने के प्रयास किए गए हैं। योजनाओं के निर्माण से लेकर क्रियान्वयन के अनुश्रवण एवं भुगतान तक की सभी प्रक्रियाएं वेब पोर्टल के माध्यम से संचालित की जा रही हैं। डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिये भुगतान की प्रक्रिया संपादित की जा रही है।

पत्र में उन्होंने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में शिक्षित युवाओं की अधिक से अधिक सहभागिता और जनसंख्या नियंत्रण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पंचायती राज अधिनियम में संशोधन किए गए हैं। नतीजतन, पंचायतों में बड़ी संख्या में शिक्षित युवा प्रतिनिधि निर्वाचित होकर आए। इसमें महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी उत्साहजनक है।

उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि, प्रोत्साहन राशि, प्रशिक्षण, पंचायत भवनों का निर्माण, पुराने भवनों की मरम्मत समेत अन्य कार्य भी गिनाए। उन्होंने कोरोनाकाल में पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा किए गए सेवा कार्यों के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों ने खुद की परवाह न करते हुए प्रवासियों के लिए आवास, भोजन आदि की व्यवस्था से लेकर वैक्सीनेशन तक के अभियान में अभूतपूर्व योगदान दिया।

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