चुनावी साल में ठेकेदारों पर सरकार हुई मेहरबान, 50 लाख तक के निर्माण कार्यों की सीमा बढ़ाकर की गई 75 लाख रुपये

सरकार ने चुनावी साल में ठेकेदारों पर मेहरबान हुई है। कोरोना महामारी के चलते ठप पड़ी निर्माण गतिविधियों में तेजी लाने के लिए उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली में संशोधन किया है। अब 50 लाख तक के निर्माण कार्यों की सीमा बढ़ाकर 75 लाख रुपये की गई है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 01:24 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 01:24 PM (IST)
चुनावी साल में ठेकेदारों पर सरकार हुई मेहरबान, 50 लाख तक के निर्माण कार्यों की सीमा बढ़ाकर की गई 75 लाख रुपये
कोरोना के चलते ठप पड़ी निर्माण गतिविधियों में तेजी लाने को सरकार ने उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली में संशोधन किया है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। कोरोना महामारी के चलते ठप पड़ी निर्माण गतिविधियों में तेजी लाने को सरकार ने उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली में संशोधन किया है। इसके बाद ठेकेदारों की विभिन्न श्रेणियों में निर्माण कार्यों की लागत सीमा बढ़ाई गई है। उन्हें मिलने वाले निर्माण कार्यों की सीमा 50 लाख से दो करोड़ तक की सीमा को बढ़ाकर 75 लाख से तीन करोड़ से अधिक किया गया है।

चुनावी साल में सरकार ने प्रदेश में छोटे ठेकेदारों को ज्यादा निर्माण कार्य मिलने का रास्ता साफ हो गया है। चुनावी साल में सरकार ने यह अहम कदम उठाया है। शासनादेश के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट दर्ज की गई है। साथ ही प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने की जरूरत है। इसे ध्यान में रखकर अधिप्राप्ति नियमावली में संशोधन किया गया है। अपर मुख्य सचिव वित्त मनीषा पंवार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।

श्रेणी-घ के ठेकेदारों को 75 लाख रुपये तक मिलेंगे ठेके

आदेश के मुताबिक श्रेणी-घ के ठेकेदारों को अब 50 लाख के स्थान पर 75 लाख तक निर्माण कार्यों के ठेके मिल सकेंगे। श्रेणी-ग के ठेकेदारों को एक करोड़ के स्थान पर 1.50 करोड़, श्रेणी-ख के ठेकेदारों को दो करोड़ के स्थान पर तीन करोड़ तक ठेके मिलेंगे। इसी तरह श्रेणी-ए के ठेकेदारों को दो करोड़ से अधिक के निर्माण कार्यों के ठेके मिलते रहे हैं। उन्हें अब तीन करोड़ से अधिक रुपये के ठेके हासिल होंगे।

कार्य अनुभव न रखने वाले ठेकेदारों के लिए नई ई-श्रेणी

सरकार ने बगैर कार्यानुभव के ठेकेदारों की नई श्रेणी-ई सृजित की है। इस श्रेणी में पंजीकृत ठेकेदारों को अधिकतम 20 लाख तक के कार्य आवंटित किए जा सकेंगे। साथ ही कार्यादेश की अधिकार सीमा भी बढ़ाई गई है। इसके तहत 2.50 लाख के स्थान पर अब पांच लाख की राशि तक कार्यादेश जारी किए जाएंगे। इससे छोटे कार्य तेजी से और बगैर जटिल औपचारिकता के कराए जा सकेंगे। कार्यादेश की यह संशोधित सीमा 31 दिसंबर, 2021 तक लागू रहेगी। इस तिथि के बाद यह सीमा पहले की तरह 2.50 लाख ही होगी।

ई-टेंडरिंग की सीमा बढ़ाई

सरकार ने ई-टेंडरिंग की न्यूनतम सीमा भी बढ़ा दी है। अब 35 लाख से अधिक धनराशि के सभी निर्माण कार्य 31 दिसंबर, 2021 तक ई-टेंडरिंग के माध्यम से होंगे। उक्त तिथि के बाद पहले की व्यवस्था बहाल हो जाएगी।

यह भी पढ़ें:-कैबिनेट बैठक: उत्तराखंड में उपनल कर्मियों, आशा कार्यकर्त्ता और ग्राम प्रधानों को सौगात, जानें- अन्‍य फैसले

chat bot
आपका साथी