राजकीय वाहन चालक हर महीने करेंगे प्रदर्शन

ऑल इंडिया गवर्नमेंट ड्राइवर्स फेडरेशन के बैनर तले राजकीय वाहन चालक हर महीने के आखिरी रविवार को देश के सभी जिलों में प्रदर्शन करेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 08:26 PM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 08:26 PM (IST)
राजकीय वाहन चालक हर महीने करेंगे प्रदर्शन
राजकीय वाहन चालक हर महीने करेंगे प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, देहरादून:

ऑल इंडिया गवर्नमेंट ड्राइवर्स फेडरेशन के बैनर तले राजकीय वाहन चालक हर महीने के आखिरी रविवार को देश के सभी जिलों में प्रदर्शन करेंगे। रविवार को फेडरेशन की ऑनलाइन बैठक में यह निर्णय लिया गया। आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक केंद्र व राज्य सरकारें उनकी मांगों को मान नहीं लेती हैं।

बैठक की शुरुआत करते हुए फेडरेशन के अध्यक्ष मिलन राजवंशी (नागालैंड) ने कार्यवाहक महामंत्री संदीप कुमार मौर्या (देहरादून) को राष्ट्रीय महासचिव के पद पर मनोनीत किया। मौर्या ने कहा कि प्रथम चरण के आंदोलन में ड्यूटी के दौरान काल का ग्रास बने कोरोना योद्धाओं को श्रद्धांजलि देते हुए दीपदान का कार्यक्रम किया गया। अब इस महीने के अंतिम रविवार को देश के सभी राज्यों के जिलों फेडरेशन के सदस्य संघ कार्यालय पर प्रदर्शन करेंगे। जहां संघ कार्यालय नहीं हैं, वहां कार्यकारिणी सुविधानुसार स्थान का चयन करेगी। प्रदर्शन में सभी कोविड गाइडलाइन का पालन करना होगा। बैठक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनंतराम शर्मा (उत्तराखंड), मनजीत सिंह (तेलंगाना), हरविंदर सिंह काला व जरनैल सिंह नैथाना (पंजाब), उपाध्यक्ष वाई नागेश्वर राव (आंध्र प्रदेश), केएल बुरहुईया (असोम), मदन लाल झरियाल (हिमाचल प्रदेश), संजय जंगपो भूटिया (सिक्किम), मुगली चिंगम (अरुणाचल प्रदेश) आदि राज्यों के पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे। अंत में फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलन राजवंशी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार ने उनकी मांगों की अनदेखी की तो फेडरेशन उग्र आंदोलन करेगा।

प्रमुख मांगे

- राजकीय विभागों, निगमों, संस्थानों व उपक्रमों में समान वेतन व्यवस्था लागू की जाए।

- पुरानी पेंशन व्यवस्था का लाभ दिया जाए।

- खस्ताहाल वाहनों को हटाकर नए वाहन खरीदे जाएं।

- संविदा व आउटसोर्स के माध्यम से भर्ती चालकों को नियमित किया जाए।

- राज्य अतिथि गृहों में निश्शुल्क ठहरने की सुविधा व ट्रेन-बस में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिले।

- पूर्व में हुए समझौतों को सभी राज्यों में लागू किया जाए।

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