शासन ने प्रो एमएसएम रावत समिति से जल्द मांगी रिपोर्ट

प्रदेश में उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक ढांचागत बदलाव को लेकर सरकार गंभीर है। शिक्षा की गुणवत्ता को प्रत्येक जिले में समावेशी महाविद्यालय बनाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि इस योजना को लागू करने से पहले बाकायदा ब्लू प्रिंट तैयार किया जाएगा।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 05:51 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 05:51 PM (IST)
शासन ने प्रो एमएसएम रावत समिति से जल्द मांगी रिपोर्ट
प्रदेश में उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक ढांचागत बदलाव को लेकर सरकार गंभीर है।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुताबिक ढांचागत बदलाव को लेकर सरकार गंभीर है। शिक्षा की गुणवत्ता को प्रत्येक जिले में समावेशी महाविद्यालय बनाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, इस योजना को लागू करने से पहले बाकायदा ब्लू प्रिंट तैयार किया जाएगा। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन ने उच्च शिक्षा सलाहकार प्रो एमएसएम रावत की अध्यक्षता में गठित समिति से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

एनईपी के मुताबिक ही प्रदेश में प्राथमिक से लेकर उच्च स्तर तक शैक्षिक व्यवस्था को ढाला जाएगा, सरकार यह संकल्प जता चुकी है। प्रदेश में तुलनात्मक रूप से उच्च शिक्षा का ढांचा अपेक्षित तरीके से मजबूत नहीं है। यही वजह है कि सरकार अब नई व्यवस्थाओं के साथ ही सुधारों को भी लागू करने की रणनीति पर काम कर रही है। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि उच्च शिक्षा में एनईपी को बेहतर तरीके से क्रियान्वित करने के लिए व्यापक योजना तैयार की जा रही है। उच्च शिक्षा में गठित प्रो रावत समिति को रिपोर्ट तैयार कर रही है। इस रिपोर्ट के आधार पर एनईपी के ब्लू प्रिंट को अंतिम रूप दिया जाएगा। 

उन्होंने बताया कि सरकार प्रत्येक जिले में समावेशी महाविद्यालय स्थापित करने की मंशा रखती है। इन महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की उच्च शिक्षा संबंधी जरूरत पूरी होगी, साथ में कैरियर के रूप में भी मदद मिलेगी। विषयों में विशेषज्ञता हासिल करने में छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा में आगे बढऩे का मौका दिया जाएगा। महाविद्यालयों में सेमेस्टर सिस्टम  सुचारू बनाने पर भी प्रो रावत समिति अपने सुझाव रखेगी। अच्छी नीतियों के निर्माण, क्रियान्वयन और उसके प्रभावों पर नजर रखने को शिक्षा आयोग के गठन पर भी विचार होगा। 

उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बद्र्धन ने बताया कि एनईपी को लेकर प्रो एमएसएम रावत समिति ने अभी अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। शासन ने समिति को जल्द रिपोर्ट देने के लिए रिमाइंडर भेज दिया है। उन्होंने कहा कि समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर शासन स्तर पर भी मंथन किया जाएगा।

एनईपी के तहत इन बदलावों पर गौर कर रही है प्रो एमएसएम रावत समिति:  प्रत्येक जिले में समावेशी महाविद्यालय बनाए जाने पर सहमति बनी है।  राज्य शिक्षा आयोग का गठन  महाविद्यालयों को विश्वविद्यालय व स्वायत्तशासी महाविद्यालय बनाने पर विचार  बहुविषय विश्वविद्यालय की स्थापना की अवधारणा कोर्स स्ट्रक्चर तैयार करने, वार्षिक परीक्षा प्रणाली खत्म कर सेमेस्टर प्रणाली शुरू करने और क्रेडिट बेस सिस्टम लागू करने पर है सहमति  संबद्धता विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों की व्यवस्था खत्म हो जाएगी 

chat bot
आपका साथी