Google के इस पोर्टल से अब ठगी के मामलों की जांच में आएगी तेजी, एक जगह मिलेंगी सभी सूचनाएं

Google के नए पोर्टल कानून प्रवर्तन अनुरोध प्रणाली (एलइआरएस) की मदद से पुलिस को सभी तरह की सूचनाएं एक ही जगह से मिल सकेंगी। यानी अब पुलिस को साइबर ठगी (Cyber Fraud) की जानकारी लेने के लिए पुलिस को अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 02:13 PM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 02:13 PM (IST)
Google के इस पोर्टल से अब ठगी के मामलों की जांच में आएगी तेजी, एक जगह मिलेंगी सभी सूचनाएं
Google के इस पोर्टल से अब ठगी के मामलों की जांच में आएगी तेजी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Law enforcement request system गूगल(Google) के माध्यम से होने वाली साइबर ठगी (Cyber Fraud) की जानकारी लेने के लिए पुलिस को अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। नए पोर्टल कानून प्रवर्तन अनुरोध प्रणाली (एलइआरएस) की मदद से पुलिस को सभी तरह की सूचनाएं एक ही जगह से मिल सकेंगी। शुक्रवार को उत्तराखंड पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स के एसएसपी अजय सिंह ने साइबर पुलिस (Cyber Police) अधीक्षकों सहित अधिकारियों को पोर्टल के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि गूगल ने यह पोर्टल तैयार किया है। पुलिस किसी भी प्रकार की साइबर ठगी होने पर उसकी जानकारी व सवाल इस पोर्टल में डाल सकती है। इसी पोर्टल की मदद से गूगल पुलिस की जांच में मदद करेगा। एसएसपी ने बताया कि गूगल व पुलिस के बीच समन्वय से साइबर ठगी को रोकने में काफी हद तक मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि पहले साइबर ठगी होने पर पुलिस गूगल को नोटिस भेजती थी, जिसका जवाब आने में काफी समय लग जाता था।

अब पोर्टल की मदद से तत्काल ठगी के मामलों में कार्रवाई हो सकेगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में साइबर ठगी की काफी शिकायतें मिल रही हैं, जिनमें पीड़ित बताते हैं कि अपनी कई समस्याओं के निस्तारण के लिए वह गूगल से संबंधित कंपनी का कस्टमर केयर नंबर ढूंढते हैं। इस नंबर पर काल करके वह अपनी सभी जानकारी दे देते हैं और फिर ठगी का शिकार हो जाते हैं। पोर्टल की मदद से ऐसे सभी प्रकरणों का त्वरित निस्तारण करने में मदद मिलेगी।

एसएसपी ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने फर्जी साइट, धनराशि दोगुना करने वाले अंजान लक्की ड्रा, डिस्काउंट, लाटरी व पालिसी में बोनस के प्रलोभन में न आएं। लाटरी व इनाम जीतने के लालच में आकर धनराशि देने व अपनी व्यक्तिगत जानकारी और महत्वपूर्ण डाटा शेयर करने से बचना चाहिए।

अब चोरी के वाहनों का आसानी से लगेगा पता

चोरी के वाहनों की तलाश में अब पुलिस को ज्यादा भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। स्मार्ट सिटी के तहत शहर के 35 चौराहों पर अडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (अनुकूली यातायात नियंत्रण प्रणाली) लगाए जा रहे हैं। इस सिस्टम में चोरी के वाहनों का डाटा फीड किया जाएगा। अगर सिस्टम के निकट से कोई चोरी का वाहन गुजरता है तो कंट्रोल रूम में तुरंत इसका मैसेज पहुंच जाएगा। इससे वाहन की तलाश करने में आसानी होगी। यातायात निदेशालय की ओर से पड़ोसी राज्यों से भी चोरी के वाहनों का डाटा उपलब्ध करवाया जाएगा।

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इसके अलावा ये सिस्टम ट्रैफिक वाल्यूम के अनुसार ट्रैफिक लाइट की टाइमिंग पर नियंत्रण रखेगा। जिस मार्ग की तरफ ट्रैफिक अधिक होगा उस तरफ ग्रीन सिग्नल आटोमेटिक होगा। निदेशक यातायात मुख्तार मोहसिन ने बताया कि सिस्टम को लेकर शुक्रवार को यातायात निदेशालय में गोष्ठी की गई। जिसमें स्मार्ट सिटी के पदाधिकारियों ने बताया कि सिस्टम अभी पूरी तरह चालू नहीं हो पाया है। अक्टूबर तक यह सिस्टम आटोमेटिक मोड में आ जाएगा।

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