उत्तराखंड: 500 डिग्री शिक्षकों को मिलेगा पदोन्नति का लाभ, यूजीसी विनियम-2018 को लागू करने पर मुहर
सरकारी और सहायतप्राप्त अशासकीय डिग्री कालेजों में एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पदों पर पदोन्नति पर लगी रोक हटने का रास्ता साफ हो गया है। इन कालेजों में कार्यरत शिक्षक बीती जुलाई माह से पदोन्नति के लिए गाइडलाइन जारी होने का इंतजार कर रहे थे।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी और सहायतप्राप्त अशासकीय डिग्री कालेजों में एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पदों पर पदोन्नति पर लगी रोक हटने का रास्ता साफ हो गया है। इन कालेजों में कार्यरत शिक्षक बीती जुलाई माह से पदोन्नति के लिए गाइडलाइन जारी होने का इंतजार कर रहे थे। सरकार ने देर से ही सही, यूजीसी विनियम-2018 को लागू करने पर मुहर लगा दी है। इससे करीब 500 शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ मिल सकेगा।
यूजीसी की गाइडलाइन को लागू करने में देरी होने से प्रदेश में राजकीय और सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कालेजों के शिक्षकों को पदोन्नति का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा था। दरअसल यूजीसी की जुलाई, 2018 में जारी नई गाइडलाइन को राज्य सरकार ने छह सितंबर, 2019 को अंगीकृत किया था। एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर पदों पर पदोन्नति के लिए कैरियर एडवांसमेंट योजना को लागू करने को लेकर सरकार ऊहापोह में रही। इसके बाद सरकार ने जनवरी, 2021 में आदेश जारी कर पदोन्नति पर ही रोक लगा दी थी।
पदोन्नति पर रोक हटने का नहीं मिला फायदा
शिक्षकों की ओर से दबाव बढ़ने पर सरकार ने बीती जुलाई माह में पदोन्नति पर लगी रोक तो हटा दी, साथ ही यह शर्त भी जोड़ दी कि पदोन्नति के लिए गाइडलाइन अलग से जारी की जाएगी। अब मंत्रिमंडल यूजीसी विनियम-2018 के प्रविधानों के मुताबिक कैरियर एडवांसमेंट योजना को मंजूरी दे चुका है। इसके साथ ही पदोन्नति के लिए छानबीन सह मूल्यांकन समिति का स्वरूप भी संशोधित किया गया है।
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अशासकीय कालेजों के लिए चयन समिति में छह सदस्य
सहायताप्राप्त अशासकीय डिग्री कालेजों में पदोन्नति के लिए गठित चयन समिति में छह सदस्य होंगे। इनमें उच्च शिक्षा निदेशक से नामित एक सदस्य, कुलपति से नामित एक सदस्य, कालेज प्राचार्य, कालेज से संबंधित विभागाध्यक्ष या प्रभारी होंगे। इसके साथ ही कुलपति की ओर से विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ पैनल में से संबंधित विषय के दो विशेषज्ञ भी समिति में बतौर सदस्य रहेंगे। कोरम पूरा करने के लिए तीन सदस्य होना आवश्यक होगा। सरकारी डिग्री कालेजों में हरेक कालेज के लिए समिति का गठन नहीं किया गया है। यह कार्य उच्च शिक्षा निदेशालय स्तर पर ही संचालित किए जाने को मंजूरी मिली है।
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