डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, एरियर का शासनादेश जारी
सरकारी और सहायताप्राप्त डिग्री कॉलेजों के सैकड़ों शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। उनके एरियर के संबंध में उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्धन ने आदेश जारी किए।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। सरकारी और सहायताप्राप्त डिग्री कॉलेजों के सैकड़ों शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। सातवां वेतनमान ले रहे इन कार्मिकों को एक जनवरी, 2016 से 31 दिसंबर, 2018 तक एरियर का भुगतान दो किस्तों में होगा। 50 फीसद की पहली किस्त का भुगतान इसी माह के वेतन के साथ होगा। 50 फीसद की दूसरी किस्त अगले वित्तीय वर्ष 2020-2021 में दी जाएगी। इस संबंध में उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्धन ने गुरुवार को आदेश जारी किए।
उच्च शिक्षा निदेशक को जारी आदेश में कहा गया कि यूजीसी वेतनमान ले रहे कार्मिकों को पुनरीक्षित वेतनमान के मुताबिक एरियर की धनराशि देने पर राज्यपाल ने मुहर लगा दी है। विभागीय बजट में कार्मिकों के वेतन भुगतान के लिए उपलब्ध बजट में से चालू वित्तीय वर्ष के शेष महीनों का वेतन निकालने के बाद ही शेष बजट में से एरियर की पहली किस्त दी जाएगी।
इससे पहले पांच जनवरी, 2019 को जारी किए गए आदेश में सरकार ने संशोधन किया है। पहले जारी आदेश में देय एरियर का एकमुश्त भुगतान करने के निर्देश दिए गए थे। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव ने बताया कि मौजूदा बजट व्यवस्था के तहत यह निर्णय लिया गया है। शासनादेश जारी होने से एरियर का इंतजार कर रहे करीब तीन हजार शिक्षकों व शिक्षणोत्तर कार्मिकों को राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया वेब पोर्टल लांच
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पेयजल परियोजना के अंतर्गत कार्यो की समीक्षा के लिए एनआइसी द्वारा तैयार वेब पोर्टल को लांच किया। विश्व बैंक पोषित अर्धनगरीय पेयजल योजनाओं, जल शक्ति मिशन और अन्य पेयजल योजनाओं का अनुश्रवण और मूल्यांकन इस ऑनलाइन पोर्टल से किया जाएगा। इस पोर्टल से पेयजल योजनाओं की कार्य प्रगति, डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट, योजना के तहत लगाए गए और अवशेष कनेक्शनों की जानकारी भी हासिल होगी।
गुरुवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेयजल योजनाओं की प्रतिमाह मॉनिटरिंग कर प्रगति रिपोर्ट दी जाए। जल शक्ति मिशन और अर्धनगरीय पेयजल योजनाओं के संचालन के लिए कार्यों की निश्चित समयावधि तय की जाए। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे के तहत अवशेष कार्यों को जल्द पूर्ण किया जाए। सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्ंयाकी ने जानकारी दी कि राज्य के अर्धनगरीय क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति में सुधार के लिए 385 करोड़ रुपये की 12 पेयजल योजनाओं का कार्य प्रगति पर है।
विश्व बैंक पोषित अर्धनगरीय पेयजल योजना के अंतर्गत प्रदेश में 22 अर्धनगरीय क्षेत्र चिह्नित हैं। इस योजना के तहत 4.39 लाख लोगों को प्रतिदिन 12 से 16 घंटे पेयजल आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में विधायक पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री के आइटी सलाहकार रविंद्र दत्त और एनआइसी के अधिकारी उपस्थित थे।
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