पहाड़ में औद्योगिक इकाइयों के संचालन में आ रही समस्या

कालसी पर्वतीय क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों के संचालन में आ रही परेशानी के चलते क्षेत्र के कुछ प्रमुख उद्यमियों ने सूबे के काबिना मंत्री गणेश जोशी से मुलाकात की।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 10:17 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 10:17 PM (IST)
पहाड़ में औद्योगिक इकाइयों के संचालन में आ रही समस्या
पहाड़ में औद्योगिक इकाइयों के संचालन में आ रही समस्या

संवाद सूत्र, कालसी: पर्वतीय क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयों के संचालन में आ रही परेशानी के चलते क्षेत्र के कुछ उद्यमियों ने सूबे के काबिना मंत्री गणेश जोशी से मुलाकात कर उन्हें समस्या से अवगत कराया। उद्योग संचालकों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया। कहा कि उनकी समस्याओं का समाधान हो तो पहाड़ में औद्योगिक इकाइयों का संचालन सुचारू रूप से हो सकेगा।

जौनसार के पर्वतीय क्षेत्र कालसी में संचालित हो रहे लघु कुटीर उद्योग और औद्योगिक इकाइयां बंद होने की कगार पर है। पर्वतीय क्षेत्र में स्थापित औद्योगिक इकाइयों के संचालन में आ रही तमाम समस्या के चलते प्रभावित उद्यमी पारितोष गुप्ता, महेश शर्मा, संजय गुप्ता, कुंवर सिंह चौहान, अजय सिंह व पूनम चौहान आदि ने देहरादून में सूबे के सूक्ष्म, मध्यम एवं लघु उद्योग मंत्री गणेश जोशी से मुलाकात की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और काबिना मंत्री गणेश जोशी को संबोधित ज्ञापन में क्षेत्र के उद्यमियों ने कहा कि जिला उद्योग केंद्र की ओर से पर्वतीय क्षेत्र में संचालित इकाइयों को विभिन्न अनुदान के दावे जैसे पूंजी, ब्याज, जीएसटी, विद्युत और परिवहन उत्पादन के तहत उपलब्ध कराई जानी वाली सुविधाओं का लाभ वर्ष 2017 से नहीं मिल पा रहा। इससे औद्योगिक इकाइयों के संचालन में बड़ी समस्या आ रही है। कहा कि सरकार ने पर्वतीय क्षेत्र में औद्योगिक इकाइयां के संचालन को एमएसएमइ नीति-2005 लागू की है। सरकार की इस योजना एवं नीति के तहत जौनसार का कालसी क्षेत्र भी औद्योगिक इकाई में शामिल है। यहां पिछले कुछ समय से कई कुटीर उद्योग संचालित हो रहे हैं, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिले हैं। कहा कि सरकार ने उद्योगों के लिए आउटपुट जीएसटी की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया है। राज्य में एमएसएमइ नीति के अंतर्गत उद्योग के लिए सावधि ऋण एवं कार्यशील पूंजी ऋण पर बैंक को देय ब्याज की प्रतिपूर्ति का प्रविधान किया गया था, लेकिन इसके नियमों में संशोधन कर उद्योग के संचालन को मिलनी वाली सुविधाएं कम कर दी गई। सरकार के स्तर से उद्यमियों को राहत नहीं मिलने पर पहाड़ में संचालित उद्योगों को काफी नुकसान उठना पड़ रहा है। प्रभावित उद्यमियों ने सरकार से उनकी समस्या का जल्द समाधान तलाशने की मांग की। कहा पहाड़ में बिना सरकारी मदद के औद्योगिक इकाइयां का संचालन कर पाना उद्यमियों के लिए काफी मुश्किल काम है। ऐसे में उद्योगों के बंद होने से पहाड़ में रोजगार व पलायन की समस्या खड़ी हो जाएगी। जिससे निपटने के लिए सरकार को समय रहते उचित कदम उठाने होंगे।

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