गर्तांगली समेत गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट मंगलवार को होंगे बंद, पार्क के खजाने में जमा कराया 6.25 लाख का राजस्व
पर्वतारोहण व ट्रै¨कग के लिए प्रसिद्ध गंगोत्री नेशनल पार्क के दोनों गेट और गर्तांगली मंगलवार को सैलानियों के लिए बंद कर दिए जाएंगे। यह अब एक अप्रैल 2022 को खुलेंगे। इस बार सितंबर से नवंबर तक ऐतिहासिक गर्तांगली की सैर करने को भारी संख्या में पर्यटक उमड़े।
शैलेंद्र गोदियाल, उत्तरकाशी: पर्वतारोहण व ट्रैकिंग के लिए प्रसिद्ध गंगोत्री नेशनल पार्क के दोनों गेट और गर्तांगली मंगलवार को सैलानियों के लिए बंद कर दिए जाएंगे। यह अब एक अप्रैल 2022 को खुलेंगे। इस बार सितंबर से नवंबर तक ऐतिहासिक गर्तांगली की सैर करने को भारी संख्या में पर्यटक उमड़े। गंगोत्री नेशनल पार्क ने केवल गर्तांगली से 6.25 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया। इस छोटे अंतराल में पार्क क्षेत्र में भी अच्छी खासी संख्या में सैलानी उमड़े हैं।
मंगलवार को गंगोत्री नेशनल पार्क के कनखू बैरियर, भैरवघाटी नेलांग बैरियर और गर्तांगली को जाने वाले लंका पुल बैरियर पर कार्यक्रम आयोजित होंगे। पार्क के अधिकारी शीतकाल के लिए पार्क के गेट बंद कर देंगे। इस बार पार्क में सैलानियों की संख्या संतोषजनक रही है। वर्ष 2020 में तो कोविड के कारण एक भी सैलानी पार्क की सैर करने नहीं पहुंच सका। लेकिन, इस बार सितंबर माह में चारधाम यात्रा और पर्यटन गतिविधियां खुली। पर्यटकों के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क भी खोला गया। साथ ही ऐतिहासिक गर्तांगली को पुनर्निर्माण के बाद पर्यटकों के लिए खोला तो उसकी सैर करने के लिए पर्यटकों की भीड़ उमड़ पड़ी। हालांकि गर्तांगली और पार्क की सैर करने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या बेहद कम रही। कुल 37 विदेशी सैलानी पार्क की सैर करने के लिए आए, जिसमें केवल चार विदेशियों ने ही गर्तांगली की सैर की। इस बार साढ़े आठ हजार से अधिक सैलानियों ने गंगोत्री नेशनल पार्क की सैर की है, जिससे गंगोत्री नेशनल पार्क को 14 लाख से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है।
यह भी पढ़ें- Uttarakhand Tourism: उत्तराखंड में रफ्तार पकड़ने लगा पर्यटन उद्योग, शीतकालीन पर्यटन की तैयारियों में जुटी सरकार
बीते वर्षों में पार्क पहुंचे पर्यटक और कुल राजस्व
वर्ष, पर्यटक, राजस्व (लाख रुपये में) 2019, 18883, 41.26 2018, 17108, 36.34 2017, 16881, 38.30 2016, 12643, 31.41
वर्ष 2021 में पार्क पहुंचे पर्यटक और राजस्व
पर्यटक स्थल, पर्यटक, राजस्व (लाख रुपये में)
यह भी पढ़ें- देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति कोविन्द, एशिया के पहले बाल्टिक सांस्कृतिक अध्यययन केंद्र का किया अवलोकन