गढ़वाल विवि की अनदेखी बीएड के छात्रों पर पड़ रही भारी, कई बार आग्रह के बाद भी नहीं भेजी वेरिफिकेशन टीम

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की अनदेखी दो स्पेशल बीएड कालेजों के छात्र-छात्राओं पर भारी पड़ रही है। जिस पर एसोसिएशन आफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट ने रोष व्यक्त किया है। विवि ने दोनों बीएड कालेजों के कई बार आग्रह के बाद भी वेरिफिकेशन टीम नहीं भेजी।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 02:07 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 02:07 PM (IST)
गढ़वाल विवि की अनदेखी बीएड के छात्रों पर पड़ रही भारी, कई बार आग्रह के बाद भी नहीं भेजी वेरिफिकेशन टीम
गढ़वाल विवि की अनदेखी बीएड के छात्रों पर पड़ रही भारी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की अनदेखी दो स्पेशल बीएड कालेजों के छात्र-छात्राओं पर भारी पड़ रही है। जिस पर एसोसिएशन आफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट ने रोष व्यक्त किया है। रुड़की के दो अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त बीएड संस्थान सुसाना मेथोडिस्ट कालेज आफ एजुकेशन और अरिहंत कालेज आफ एजुकेशन, एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि से संबद्ध हैं।

इन दोनों संस्थानों में केवल अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राएं बीएड में प्रवेश लेते हैं। प्रवेश के बाद उनका वेरिफिकेशन होता है। विवि की टीम के अनुमोदन के बाद छात्रों के परीक्षा फार्म भरे जाते हैं। वर्तमान सत्र के प्रथम सेमेस्टर के परीक्षा फार्म भरने की तिथि 26 जून को समाप्त हो चुकी है, लेकिन विवि ने दोनों बीएड कालेजों के कई बार आग्रह के बाद भी वेरिफिकेशन टीम नहीं भेजी।

कालेजों के अनुरोध पर विवि ने छात्रों के परीक्षा फार्म भरने के लिए भी सिर्फ दो दिन 13-14 जुलाई को विवि का पोर्टल खोला। कनेक्टिविटी न होने के कारण कुछ छात्र-छात्राएं फार्म नहीं भर सके। विवि ने परीक्षा फार्म भरने के लिए 3500 रुपये लेट फीस वसूली। विवि की टीम जब तक संस्थान में आकर छात्रों का वेरिफिकेशन नहीं करेगी, तब तक इन छात्रों का परीक्षा परिणाम जारी नहीं होगा। विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली का खामियाजा छात्रों व कालेज प्रबंधन को भुगतना पड़ रहा है। उधर, गढ़वाल विवि के कुलसचिव अजय कुमार खंडूड़ी ने कहा कि मामला विवि में विचाराधीन है। कार्रवाई की जा रही है। कोविड के कारण कार्य प्रभावित हुआ है।

कोविड काल में पहले ही छात्र हैं परेशान

एसोसिएशन आफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट उत्तराखंड के अध्यक्ष डा. सुनील अग्रवाल ने बुधवार को हाथीबड़कला स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता में कहा कि पहले ही छात्रों की कोविड महामारी केकारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ऊपर से विवि की लापरवाही छात्रों पर भारी पड़ रही है। इस बारे में जब विवि के कुलसचिव से संपर्क किया जाता है तो वह संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं। विवि की अनदेखी के कारण अल्पसंख्यक छात्रों को साढ़े तीन हजार रुपये लेट फीस भरनी पड़ी। अगस्त का पहला सप्ताह गुजरने के बाद भी छात्रों को लेकर विवि ने कोई निर्णय नहीं लिया है।

chat bot
आपका साथी