तो यूजीसी की गाइडलाइन भी नहीं मानता गढ़वाल विवि, जानिए क्‍या है पूरा मामला

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं आ रहा है। विश्वविद्यालय ने बीएड-एमएड की प्रवेश परीक्षा के फार्म भरने की प्रक्रिया ही अब शुरू की है। प्रवेश परीक्षा के लिए ही 24 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 04:43 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 04:43 PM (IST)
तो यूजीसी की गाइडलाइन भी नहीं मानता गढ़वाल विवि, जानिए क्‍या है पूरा मामला
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं आ रहा है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं आ रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की गाइडलाइन को भी यहां गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि पहली अक्टूबर से प्रस्तावित बीएड और एमएड की कक्षाएं विश्वविद्यालय में तय समय पर शुरू नहीं हो पाएंगी। इसकी वजह यह कि विश्वविद्यालय ने बीएड-एमएड की प्रवेश परीक्षा के फार्म भरने की प्रक्रिया ही अब शुरू की है। प्रवेश परीक्षा के लिए ही 24 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई है। ऐसे में परीक्षा का परिणाम ही 15 नवंबर तक आ पाएगा।

इस लिहाज से कक्षाएं दिसंबर में ही शुरू हो पाएंगी। कोरोना के चलते विश्वविद्यालय में शिक्षा सत्र पहले ही लेट चल रहा है। ऐसे में विश्वविद्यालय की इस हीलाहवाली को लेकर एसोसिएशन आफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट ने भी आपत्ति जताई है। यूजीसी ने करीब दो माह पहले उच्च शिक्षा का नया सत्र एक अक्टूबर से शुरू करने का निर्णय लिया था। इसके बाद भी हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय ने बीएड व एमएड के लिए समय पर आवेदन प्रक्रिया शुरू नहीं की। इस संबंध में बुधवार को दिशा-निर्देश जारी किए गए। जिसमें प्रवेश परीक्षा के लिए 25 सितंबर से 10 अक्टूबर तक आनलाइन आवेदन करने की बात कही गई है। जबकि, विश्वविद्यालय ने गत वर्ष इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने के लिए परीक्षा कराने के बजाय सीधे पंजीकरण का प्रविधान रखा था। विश्वविद्यालय से 40 बीएड कालेज संबद्ध हैं। इनमें 35 निजी और पांच विश्वविद्यालय के संगठक कालेज हैं। इन कालेज में 3750 सीट निर्धारित हैं।

एसोसिएशन आफ सेल्फ फाइनेंस इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष डा. सुनील अग्रवाल ने विश्वविद्यालय की इस लेटलतीफी पर कहा कि विश्वविद्यालय की हीलाहवाली का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ेगा। अगर प्रवेश परीक्षा कराना जरूरी था तो उसे सितंबर के प्रथम सप्ताह में कराया जाना चाहिए था। अब प्रवेश प्रक्रिया दिसंबर में पूरी हो पाएगी। इससे सत्र में करीब दो माह का विलंब होगा।

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आधी परीक्षाएं हो गईं, तब याद आई छात्र संख्या

 हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की लापरवाही के किस्से कम नहीं हो रहे। ताजा मामला बैक पेपर परीक्षा से जुड़ा है। आधी परीक्षाएं निपटने के बाद विश्वविद्यालय ने कालेजों से आगे की परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या, पेपर का नाम और प्रश्न पत्र कोड उपलब्ध कराने को कहा है। इससे भी हैरत की बात यह है कि बुधवार को जारी आदेश में यह समस्त जानकारी कालेजों को 12 घंटे के भीतर भेजने के लिए कहा गया है। इस आदेश से विश्वविद्यालय से संबद्ध प्रदेशभर के कालेजों के प्राचार्य खफा हैं। उनका कहना है कि इतने कम समय में आदेश का पालन करना काफी मुश्किल है। इसके अलावा विश्वविद्यालय ने दोबारा डाटा मांगने की वजह भी स्पष्ट नहीं की है, जबकि सभी छात्रों ने आनलाइन आवेदन किया था।

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विश्वविद्यालय की बैक पेपर परीक्षा 13 सितंबर से प्रदेश में 11 केंद्रों पर चल रही है। यह परीक्षा 29 सितंबर को संपन्न होनी है। दून के डीएवी, डीबीएस, एमकेपी और एसजीआरआर पीजी कालेज के प्राचार्यों ने बताया कि पेपर का नाम, प्रश्न पत्र कोड आदि का विवरण छात्रों ने आनलाइन परीक्षा फार्म भरते समय अंकित किया था। अगर विवि प्रशासन को कालेज से बैक पेपर में शामिल होने वाले छात्रों का विवरण चाहिए था तो वह परीक्षा शुरू होने से पहले मांगता। आधे से अधिक विषयों की परीक्षा हो चुकी हैं, तब जाकर विवरण मांगा जा रहा है। उनका कहना है कि विवि आखिरी समय पर क्यों जागता है।

उधर, विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक अरुण कुमार रावत का कहना है कि कुछ कालेजों ने बैक परीक्षा में शामिल छात्रों का विवरण नहीं भेजा था, इसलिए यह पत्र भेजना पड़ा। पेपर का नाम, छात्रों की संख्या आदि उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी तो संबंधित कालेजों की ही है। बेक पेपर परीक्षा समय पर होगी।

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