Swachh Survekshan में खूब इतराए, अब मिले गंदगी के ढेर; स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में बड़े शहरों की यह रही रैंकिंग
नगर निगम स्तरीय शहरों में 82वीं रैंक हासिल करने और वर्ष 2019 के मुकाबले 302 रैंक का सुधार करने पर अधिकारी खूब इतराए भी। मगर सुधार का यह प्रयास स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में कैसे और बेहतर रहे इसके परीक्षण में दून का हाल ठीक नहीं मिला।
जागरण संवाददाता, देहरादून। स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में नगर निगम देहरादून ने लंबी छलांग लगाई। नगर निगम स्तरीय शहरों में 82वीं रैंक हासिल करने और वर्ष 2019 के मुकाबले 302 रैंक का सुधार करने पर अधिकारी खूब इतराए भी। मगर, सुधार का यह प्रयास स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में कैसे और बेहतर रहे, इसके परीक्षण में दून का हाल ठीक नहीं मिला। यह परीक्षण स्वयं शहरी विकास निदेशक ललित मोहन रयाल ने देहरादून नगर निगम में विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर किया।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 की तैयारियों को लेकर गुरुवार को आयोजित बैठक में शहरी विकास निदेशक ने कहा कि उन्होंने एक दिसंबर को देहरादून नगर निगम के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया था। इस दौरान उन्हें विभिन्न स्थानों पर कूड़ा सड़क पर बिखरा मिला। उन्होंने देखा कि बड़े नालों में गंदगी का अंबार है और पुराने वाहनों (स्क्रैप) को भी सड़क किनारे डंप किया जा रहा है।
इस स्थिति को लेकर उन्होंने मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी, सभी सफाई निरीक्षकों व सुपरवाइजर को निर्देश जारी किए कि सफाई व्यवस्था के साथ किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि नगर निगम की टीम जनता को भी जागरूक करे। जो नागरिक गंदगी फैला रहे हैं, उनके खिलाफ चालानी कार्रवाई अमल में लाई जाए।
ओडीएफ प्लस में काशीपुर तीन बार फेल, कड़े निर्देश जारी
बैठक में शहरी विकास निदेशक ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि नगर निगम काशीपुर खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) प्लस के मूल्यांकन में तीन बार फेल हो चुका है। इसको लेकर उन्होंने नगर आयुक्त को कड़े निर्देश जारी किए। साथ ही कहा कि जो कार्मिक सफाई व्यवस्था संबंधी कार्यों में लापरवाही बरत रहे हैैं, उन्हें चिह्नित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। तभी आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण में राष्ट्रीय स्तर पर शहरों की रैंक को बेहतर बनाया जा सकता है।
जनता को करें जागरूक
शहरी विकास निदेशक ने निर्देश दिया कि शहरी की स्वच्छता व कूड़ा निस्तारण के लिए जनता को जागरूक किया जाए। उन्हें प्रेरित किया जाए कि घर से ही सूखे व गीले कूड़े को अलग-अलग रखें। जितना संभव हो, गीले कूड़े से जैविक खाद बनाई जाए। अधिकारी स्वच्छता एप के जरिये गंदगी वाले क्षेत्रों के फोटो अपलोड कराकर आनलाइन शिकायत दर्ज करने की व्यवस्था करें।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 में बड़े शहरों की यह रही रैंकिंग
नगर निगम स्तर के शहर
शहर, वर्ष 2019, वर्ष 2020, वर्ष 2021
देहरादून, 384, 124, 82
रुड़की, 281, 131, 101
रुद्रपुर, 403, 316, 257
हल्द्वानी, 350, 229, 281
हरिद्वार, 376, 224, 285
काशीपुर, 308, 139, 342