कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से मिले चतुर्थ श्रेणी कर्मी, पिछले एक हफ्ते से बिना अन्न ग्रहण किए कर रहे ड्यूटी

लंबित मांगों का समाधान नहीं होने से स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। कर्मचारी पिछले कई दिन चरणबद्ध ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। वहीं कर्मचारी पिछले छह दिन से बिना अन्न ग्रहण किए ड्यूटी कर रहे हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 02:11 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 05:34 PM (IST)
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से मिले चतुर्थ श्रेणी कर्मी, पिछले एक हफ्ते से बिना अन्न ग्रहण किए कर रहे ड्यूटी
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से मिले चतुर्थ श्रेणी कर्मी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। लंबित मांगों का समाधान नहीं होने से स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। कर्मचारी पिछले कई दिन चरणबद्ध ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। वहीं कर्मचारी पिछले छह दिन से बिना अन्न ग्रहण किए ड्यूटी कर रहे हैं। इस क्रम में कर्मचारियों ने बुधवार को भी बिना अन्न ग्रहण किए ड्यूटी की और सीएमओ कार्यालय में सांकेतिक प्रदर्शन किया। साथ ही काबीना मंत्री सतपाल महाराज से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। यह मांग रखी कि उनकी मांगों पर यथोचित कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया जाए।

कर्मचारियों की मांग है कि उद्यान विभाग की तरह चतुर्थ श्रेणी कॢमयों को टेक्नीकल घोषित किया जाए। 50 प्रतिशत पदोन्नति का लाभ दिया जाए। पिछले लंबे समय से लंबित अन्य मांगों का जल्द समाधान किया जाए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा व उपाध्यक्ष नेलसन अरोड़ा ने कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होती है, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने विभाग के उच्चाधिकारियों पर चतुर्थ श्रेणी कॢमयों के साथ भेदभाव करने का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी पिछले लंबे समय से शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन मांगों का समाधान अब तक किया नहीं गया।

आशाओं ने तीसरे दिन भी किया कार्य बहिष्कार

मानदेय बढ़ोतरी समेत विभिन्न मांगों को लेकर आशाओं कार्यकत्र्ताओं का सीएमओ कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन और कार्यबहिष्कार बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। उत्तराखंड आशा कार्यकत्री यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष शिवा दुबे ने कहा कि जब तक आशाओं की मांग पूरी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा। इस बार आशाएं सिर्फ आश्वासन से मानने वाली नहीं हैं। अपनी जायज मांगों को लेकर सरकार व विभाग से आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: वन निगम कर्मियों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू, जानिए क्या हैं उनकी मांगें

chat bot
आपका साथी