उत्तराखंड में आज से आंदोलन तेज करेंगे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, जानिए क्या हैं उनकी मांगें

चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) के आह्वान पर प्रदेशभर के कर्मचारियों ने प्रथम चरण के आंदोलन के तहत सोमवार को काली फीती लगाकर काम किया। वहीं आज से वह आंदोलन तेज करने जा रहे हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 09:25 AM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 09:25 AM (IST)
उत्तराखंड में आज से आंदोलन तेज करेंगे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, जानिए क्या हैं उनकी मांगें
उत्तराखंड में आज से आंदोलन तेज करेंगे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, जानिए क्या हैं उनकी मांगें।

जागरण संवाददाता, देहरादून। चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं) के आह्वान पर प्रदेशभर के कर्मचारियों ने प्रथम चरण के आंदोलन के तहत सोमवार को काली फीती लगाकर काम किया। वहीं, आज से वह आंदोलन तेज करने जा रहे हैं। दूसरे चरण के आंदोलन के तहत अब संगठन पदाधिकारी मंत्रियों व विधायकों को ज्ञापन देकर अपनी पीड़ा उनके सामने रखेंगे। प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेड़ा ने कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की मांगों पर निदेशालय और विश्वविद्यालय ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग के माली की भांति हाईस्कूल से कम शिक्षा वाले कर्मचारियों को टेक्नीकल घोषित किया जाए। लैब सहायक, डार्करूम सहायक, ओटी सहायक, ड्रेसर आदि पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को हाईस्कूल व इंटरमीडिएट पास कर्मचारियों की भांति 50 फीसद कोटे के तहत पदोन्नति का लाभ दिया जाए।

नर्सेज संवर्ग की भांति चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी पौष्टिक आहार भत्ता दिया जाए। जोखिम भत्ता दस लाख रुपये करने की मांग भी की। कर्मचारी अपनी मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखेंगे और इसे अब तेज किया जाएगा। प्रदेश महामंत्री सुनील अधिकारी व प्रदेश उपाध्यक्ष नेलशन अरोड़ा ने बताया कि 20 से 24 जुलाई तक मंत्री, विधायकों को ज्ञापन देकर अपनी पीड़ा से अवगत कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 26-27 जुलाई को लगाकर दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। 29 जुलाई को कर्मचारी स्वास्थ्य महानिदेशालय, आयुर्वेद विवि और आयुर्वेद एवं होम्योपैथी निदेशालय में धरना देंगे। 30 जुलाई से बिना अन्न-जल ग्रहण किए कार्य करेंगे।

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