दून नगर निगम का 55 लाख रुपये दबाए बैठे हैं निकाय, जानिए कितना बकाया है निकायों पर
चार निकाय निगम का तकरीबन 55 लाख रुपये दबाए बैठे हैं। इन निकायों से निकलने वाला कूड़ा रोजाना प्लांट में निस्तारित किया जा रहा लेकिन इसके बदले नगर निगम के शुल्क का यह निकास लंबे वक्त से भुगतान नहीं कर रहे।
जागरण संवाददाता, देहरादून। नगर निगम के शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट में अपने निकाय का कूड़ा निस्तारण करा रहे चार निकाय निगम का तकरीबन 55 लाख रुपये दबाए बैठे हैं। इन निकायों से निकलने वाला कूड़ा रोजाना प्लांट में निस्तारित किया जा रहा, लेकिन इसके बदले नगर निगम के शुल्क का यह निकास लंबे वक्त से भुगतान नहीं कर रहे। नगर आयुक्त अभिषेक रूहेला के आदेश पर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी ने चारों निकाय को नोटिस भेजकर बकाया धनराशि जमा कराने को कहा है। निगम की ओर से चेतावनी दी गई है कि यदि भुगतान नहीं किया गया तो इन निकायों के कूड़े का निस्तारण बंद कर दिया जाएगा।
जनवरी-2018 में जब नगर निगम का शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण प्लांट शुरू हुआ था, उस वक्त आसपास के निकायों से कूड़ा यहां पर निस्तारित करने का करार भी हुआ था। इसी क्रम में विकासनगर व मसूरी नगर पालिका समेत हरबर्टपुर नगर पंचायत और क्लेमेनटाउन छावनी परिषद के कूड़े का उक्त प्लांट में निस्तारण किया जा रहा। निगम का इसकी एवज में निर्धारित धनराशि का करार है, लेकिन संबंधित निकाय यह धनराशि देने में आनाकानी कर रहे हैं। निगम के अनुसार चारों निकायों से रोजाना लगभग 20 मीट्रिक टन कूड़ा शीशमबाड़ा प्लांट में आता है, पर कोरोना काल के बाद से यह निकाय इसका भुगतान नहीं कर रहे।
पिछले दिनों निगम में जब स्वास्थ्य अनुभाग के व्यय व आय की समीक्षा हुई तो नगर आयुक्त ने इस मामले पर आपत्ति जताई थी। अब नगर आयुक्त के आदेश पर वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरके सिंह ने चारों निकाय को नोटिस भेजकर कार्रवाई की चेतावनी दी है। निगम के मुताबिक प्लांट में विकासनगर का करीब सात मीट्रिक टन, मसूरी का करीब छह और हरबर्टपुर का तकरीबन चार मीट्रिक टन कूड़े का रोजाना निस्तारण होता है। क्लेमेनटाउन से भी रोजाना चार से पांच मीट्रिक टन कूड़ा रोजाना प्लांट भेजा जाता है।
कितना बकाया है निकायों पर
निकाय, बकाया
मसूरी, 24 लाख रुपये
विकासनगर, 19 लाख रुपये
हरबर्टपुर, 12 लाख रुपये
क्लेमेनटाउन, नौ लाख रुपये
यह भी पढ़ें- परिसंपत्तियों के बहाने सौहार्द मजबूत कर आए धामी, एक और बड़ी उपलब्धि की दर्ज; 21 साल से लटका था मामला