20 साल बाद पूर्व वन क्षेत्रधिकारी गिरफ्तार, हरिद्वार में 500 बीघा जमीन पर कब्जा करवाने का है मामला

हरिद्वार में 500 बीघा जमीन पर कब्जा करवाने के मामले में सीबीसीआइडी ने 20 साल बाद पूर्व वन क्षेत्रधिकारी हरिद्वार को लखीमपुर से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपित को हरिद्वार में जिला अदालत में पेश किया गया।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 02:36 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 02:36 PM (IST)
20 साल बाद पूर्व वन क्षेत्रधिकारी गिरफ्तार, हरिद्वार में 500 बीघा जमीन पर कब्जा करवाने का है मामला
20 साल बाद पूर्व वन क्षेत्रधिकारी गिरफ्तार।

जागरण संवाददाता, देहरादून। हरिद्वार में 500 बीघा जमीन पर कब्जा करवाने के मामले में सीबीसीआइडी ने 20 साल बाद पूर्व वन क्षेत्रधिकारी हरिद्वार को लखीमपुर से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपित को हरिद्वार में जिला अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिनों के न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।

क्षेत्रधिकारी सेक्टर देहरादून हेमेंद्र नेगी ने बताया कि इस मामले में 20 अप्रैल 2001 को हरिद्वार जिले के तत्कालीन तहसीलदार ने तहरीर दी थी। तहसीलदार ने बताया कि देवपुरा में वन विभाग की करीब 500 बीघा जमीन को वन विभाग के कुछ अधिकारियों ने जेड ए से नॉन जेड ए में परिवर्तित कर अभिलेखों में कूटरचना की। अधिकारियों ने भूमाफिया को भूमि पर कब्जा करने दिया।

इस मामले में सीबीसीआइडी ने वर्ष 2001 में 11 अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। सीबीसीआइडी की ओर से मामले की जांच कर आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए उत्तर प्रदेश शासन से अनुमति ली गई। शुक्रवार को सीबीसीआइडी के निरीक्षक राकेश कुमार व उनकी टीम ने आरोपित पूर्व वन क्षेत्रधिकारी हरिद्वार आरपी गुप्ता निवासी कुम्हारण टोला गोला गोकरण नाथ जिला लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया।

दुर्घटनाओं के कारण का पता लगाकर करें रोकथाम

जिलाधिकारी डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने परिवहन, यातायात पुलिस, लोक निर्माण विभाग व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों में दुर्घटनाएं हुई हैं, वहां पर जाकर दुर्घटना के तकनीकी कारणों का पता लगाएं। तत्काल सुधारीकरण करके दुर्घटनाओं की रोकथाम करें। यह बात उन्होंने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कही।

उन्होंने लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग डोईवाला और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को उनकी कार्यसीमा में अवशेष चिह्नित ब्लैक स्पाट को जल्द ठीक करने को भी कहा। सभी एसडीएम को अपने क्षेत्र में दौरा करते हुए पैराफिट, रिफ्लेक्टर, स्पीड ब्रेकर, ब्लैक स्पाट, चेतावनी बोर्ड लगाने को भी कहा। इस दौरान सहायक परिवहन अधिकारी प्रशासन रश्मि पंत ने फरवरी से मई तक घटी दुर्घटनाओं की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि चार महीनों के दौरान 130 दुर्घटनाओं में 96 लोग घायल हुए व 55 ने अपनी जान गंवाई है। दुर्घटनाओं के दृष्टिगत ऋषिकेश, नेहरू कालोनी, डोईवाला, पटेलनगर, रायवाला और डालनवाला थाने अधिक संवेदनशील रहे। दुर्घटनाटओं का सर्वाधिक कारण ओवर स्पीड, रैश ड्राइविंग और गलत दिशा में वाहन चलाना रहा। सर्वाधिक दुर्घटनाएं सुबह नौ से दोपहर 12 बजे और शाम के समय छह से रात नौ बजे के बीच हुई।

यह भी पढ़ें- 81 हजार से अधिक की साइबर ठगी का आरोपित भरतपुर से गिरफ्तार, पढ़ि‍ए पूरी खबर

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी