पूर्व शिक्षा मंत्री निशंक को महर्षि अंतरराष्ट्रीय अजेय स्वर्ण पदक, चिकित्सक-नर्स और मेडिकल स्टाफ को किया समर्पित
वैश्विक महर्षि संगठन के हालैंड में आयोजित वार्षिक वैदिक सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को विश्व शांति के लिए महर्षि अंतरराष्ट्रीय अजेय स्वर्ण पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार की घोषणा मई में की गई थी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। वैश्विक महर्षि संगठन के हालैंड में आयोजित वार्षिक वैदिक सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को विश्व शांति के लिए महर्षि अंतरराष्ट्रीय अजेय स्वर्ण पदक प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार की घोषणा मई में संगठन के वैश्विक प्रमुख डा टोनी नाडर के नेतृत्व में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने की थी।
दिल्ली में अपने आवास से वर्चुअल माध्यम से निशंक इस कार्यक्रम में शामिल हुए। डा टोनी नाडर ने उन्हें स्वर्ण पदक दिल्ली में ही प्रदान किया। पुरस्कार प्राप्त करते हुए निशंक ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल की भयावह स्थिति में हमारे कोरोना योद्धा ही वास्तविक नायक हैं। उन्होंने भी कोरोना की पीड़ा को झेला है। चिकित्सक, नर्स व मेडिकल स्टाफ जान की परवाह किए बगैर चौबीसों घंटे मरीजों की सेवा में लगे रहते हैं।
वे उनकी सेवा, समर्पण भाव व कर्तव्य परायणता को प्रणाम करते हैं और यह पुरस्कार उनके नाम समर्पित करते हैं। ग्लोबल महर्षि संगठन ने अपने वक्तव्य में कहा कि अत्यंत निर्धन पृष्ठभूमि से उठकर रमेश पोखरियाल निशंक ने एक सहित्यकार, कवि व राजनेता के रूप में मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए उत्कृष्ट कार्य किया है। भारत के शिक्षा मंत्री के रूप में उनके द्वारा तैयार की गई नई शिक्षा नीति के लिए उन्हें बधाई देते हैं।
यह नीति आधुनिक शिक्षा की मजबूत आधारशिला के रूप में विश्व स्तर पर मानवीय मूल्यों को स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगी। संस्था के वैश्विक अध्यक्ष डा टोनी नाडर ने कहा कि रमेश पोखरियाल निशंक के प्रयासों से पूरे विश्व में वैदिक ज्ञान के प्रसार में मदद मिलेगी। कार्यक्रम में वैदिक भारत परियोजना के राष्ट्रीय निदेशक दिग्विजय भी उपस्थित थे।
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