पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ली छात्रा की फीस की जिम्मेदारी

कोरोना से पिता की असमय मौत के बाद गंभीर आर्थिक संकट झेल रही एक छात्रा के सहयोग के लिए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आगे आए हैं। पूर्व सीएम ने छात्रा की फीस के भुगतान की जिम्मेदारी खुद ली है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 10:05 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 10:05 AM (IST)
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ली छात्रा की फीस की जिम्मेदारी
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना से पिता की असमय मौत के बाद गंभीर आर्थिक संकट झेल रही एक छात्रा के सहयोग के लिए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आगे आए हैं। पूर्व सीएम ने छात्रा की फीस के भुगतान की जिम्मेदारी खुद ली है। ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी की छात्रा देवाश्री शर्मा के पिता की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई है। पिता की मृत्यु के पश्चात छात्रा के परिवार पर गंभीर वित्तीय संकट खड़ा हो गया। वित्तीय समस्या को देखते हुए छात्रा की फीस माफी का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा था, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संज्ञान लिया। उन्होंने पहल करते हुए लिखा कि वीडियो देखकर मन बहुत दुखी हुआ। देवाश्री बेटी, आप अपनी पढ़ाई पर ध्यान लगाओ, आपकी फीस के भुगतान जिम्मेदारी मेरी होगी। उन्होंने आगे लिखा कि मैं प्रदेश की प्रबुद्ध जनता से विनती करता हूं कि आप सभी कोरोना की मार झेल रहे परिवारों की आर्थिक मदद को आगे आएं। जितना संभव हो बन सके, अपने आसपास जरूरतमंदों की मदद अवश्य करें। उनके दुख की घड़ी में मदद करना समाज और हम सभी की जिम्मेदारी है।

पुलिस लाइन में 45 बेड का आइसोलेशन सेंटर तैयार

पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने पर उन्हें आइसोलेट करने के लिए पुलिस लाइन में 45 बेड का आइसोलेशन सेंटर तैयार हो गया है। रविवार को एसएसपी ने आइसोलेशन सेंटर का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि पुलिस के जवान फ्रंटलाइन पर रहकर ड्यूटी कर रहे हैं। यदि कोई पुलिसकर्मी संक्रमित होता है तो उसे तुरंत पुलिस लाइन में आइसोलेट किया जा सकेगा। ऐसा करने पर उनके स्वजनों को संक्रमण फैलने का खतरा कम हो जाएगा।

एसएसपी ने बताया कि आकस्मिक परिस्थितियों में ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए पुलिस लाइन में ही पांच ऑक्सीजन युक्त बेड की व्यवस्था की गई है। वर्तमान में ऑक्सीजन सिलिंडरों की भारी मांग व बाजार में ऑक्सी फ्लोमीटर की किल्लत को देखते हुए औद्योगिक इकाइयों में इस्तेमाल होने वाले वाल्व को मॉडिफाई कर उन्हें ऑक्सी फ्लोमीटर के रूप में इस्तेमाल किए जाने योग्य बनाया गया है। इसके लिए पुलिस की ओर से स्थानीय टेक्नीशियन की मदद ली गई है। वर्तमान में पुलिस लाइन में ऐसे सात ऑक्सी फ्लोमीटर बनाए गए हैं, जिनका आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल किया जा सके।

यह भी पढ़ें-काबीना मंत्री गणोश जोशी ने ग्रामीणों को बांटे ऑक्सीमीटर

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी