पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा- मेट्रो रेल परियोजना की हुई भ्रूण हत्या

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश सरकार पर हरिद्वार-ऋषिकेश-देहरादून मेट्रो रेल परियोजना की भ्रूण हत्या करने का आरोप लगाया। इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने इस क्षेत्र के जानकार व्यक्ति को इस परियोजना का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया था।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 08:05 AM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 08:05 AM (IST)
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा- मेट्रो रेल परियोजना की हुई भ्रूण हत्या
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने प्रदेश सरकार पर हरिद्वार-ऋषिकेश-देहरादून मेट्रो रेल परियोजना की भ्रूण हत्या करने का आरोप लगाया। इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने इस क्षेत्र के जानकार व्यक्ति को इस परियोजना का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया था। उन्हें परियोजना का सर्वेक्षण, वित्तीय स्रोतों की खोज के काम को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे। इससे पहले परियोजना की व्यवहारिकता का भी आकलन कराया गया। वित्तीय दृष्टिकोण से परियोजना की उपयोगिता सुनिश्चित होने के बाद केंद्र सरकार को अनुमति देने के लिए पत्र भेजा। इस दौरान चुनाव की घोषणा हुई और राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नई सरकार इस परियोजना को आगे बढ़ाएगी, ऐसी उम्मीद उन्हें थी। एक-दो बार परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री के बयान देखने को मिले, लेकिन लगता है कि सरकार बहुत शांत तरीके से परियोजना की भ्रूण हत्या कर दी है।

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दिल्ली सरकार के फीस एक्ट का होगा अध्ययन

प्रदेश की भाजपा सरकार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से बनाए फीस एक्ट का भी अध्ययन करेगी। इस एक्ट के प्रविधानों को नए एक्ट के मसौदे में स्थान दिया जा सकता है। शासन ने इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक को निर्देश जारी किए हैं।

प्रदेश में निजी स्कूलों में फीस से लेकर दाखिले में मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए फीस एक्ट के मसौदे को जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। शासन इस मामले में छह जिलाधिकारियों से प्राप्त सुझावों को शामिल करने के निर्देश दे चुका है। दिल्ली सरकार के फीस एक्ट में शुल्क से संबंधित व्यवस्था के बारे में भी शासन को प्रस्ताव मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं। शासन ने फीस एक्ट का संशोधित प्रस्ताव जल्द उपलब्ध कराने को कहा है।

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