पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा- कोविड कर्फ्यू आधे दिल से उठाया गया कदम

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कोविड कर्फ्यू सरकार का आधे दिल से उठाया गया कदम है। कोरोना के खतरे को कम करने के लिए सरकार को कई सुझाव देने के साथ उन्होंने आम जनता से भी स्वघोषित कर्फ्यू का पालन करने की अपील की।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 09:05 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 09:05 AM (IST)
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा- कोविड कर्फ्यू आधे दिल से उठाया गया कदम
पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा कि कोविड कर्फ्यू सरकार का आधे दिल से उठाया गया कदम है। कोरोना के खतरे को कम करने के लिए सरकार को कई सुझाव देने के साथ उन्होंने आम जनता से भी स्वघोषित कर्फ्यू का पालन करने की अपील की।

कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार की चिंता बढ़ाने वाले आंकड़ों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने स्थिति से निपटने के लिए कई अहम सुझाव सामने रखे। इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा कि नए संक्रमित की जानकारी सरकारी तंत्र तक पहुंचना आवश्यक है। सरकारी तंत्र को आदेश दिए जाएं कि सूचना के आधार पर संक्रमित व्यक्ति को यथाशीघ्र उसके परिवार से अलग करें और चिकित्सा प्रारंभ होने से पहले उस तक जरूरी दवाइयां पहुंचाई जाएं। संक्रमित व्यक्ति अस्पताल में है तो उसके तीमारदारों को भी कोरोना संक्रमण अवरोधी छतरी के नीचे लाया जाना चाहिए। तीमारदारों की आवाजाही वाले स्थानों को सैनिटाइज किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में छोटे व मझोले अस्पतालों को भी सिपाही बनाया जाए। आशा वर्कर, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य विभाग के बड़े ढांचे को प्रभावी बनाकर उपयोग किया जाए ताकि संक्रमितों तक तुरंत मदद पहुंच सके। राज्य सरकार निर्णय लेने की प्रक्रिया विकेंद्रीकृत करे। जिला स्तर पर जिलाधिकारी इस युद्ध में सेनापति की भूमिका अदा करें। सूचना एकत्रीकरण में राजस्व, पुलिस व ग्राम विकास तंत्र का उपयोग किया जाना चाहिए।

सत्तारूढ़ दल के रुख पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार की कमियों को दूर करने के लिए सार्वजनिक दबाव बना रहा है तो इसे नकारात्मक कहना छोटी सोच का नतीजा है। राज्य का जागरूक समाज कोरोना संक्रमण की चेन न टूटने से चिंतित है। गांव में संक्रमण का प्रसार इस चिंता को दोगुना कर रहा है। सरकार को इस विस्फोटक खतरे को चेतावनी मानकर कदम उठाना होगा। उन्होंने आम जनता से भी विवाह या पारिवारिक समारोह स्थगित करने, घर से बाहर नहीं निकलने की अपील की। साथ ही कहा कि प्रत्येक सक्षम नागरिक को अपनी भूमिका तलाश कर संक्रमण रोकने में सहयोग देने जुटना पड़ेगा। उन्होंने ऐसे गरीब परिवारों, जिनकी आमदनी नष्ट हो चुकी है, उन्हें आर्थिक मदद देने पर जोर दिया।

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