पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन ने कहा-मूट कोर्ट से विधिक व्यवसाय में आया क्रांतिकारी परिवर्तन

देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन ने कहा कि मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं से विधिक व्यवसाय में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। उन्होंने सलाह दी कि सर्वोच्च न्यायालय के साथ-साथ जिला व तहसील स्तर की समस्याओं को लेकर भी मॉक ट्रायल का आयोजन किया जाना चाहिए।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 01:05 PM (IST) Updated:Mon, 03 May 2021 01:05 PM (IST)
पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन ने कहा-मूट कोर्ट से विधिक व्यवसाय में आया क्रांतिकारी परिवर्तन
देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन।

जागरण संवाददाता, देहरादून। देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन ने कहा कि मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं से विधिक व्यवसाय में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। उन्होंने देश के तमाम विधि महाविद्यालयों को सलाह दी कि सर्वोच्च न्यायालय के साथ-साथ जिला व तहसील स्तर की समस्याओं को लेकर भी मॉक ट्रायल का आयोजन किया जाना चाहिए। वह लॉ कॉलेज देहरादून की ओर से आयोजित राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस कठिन दौर में भी प्रतियोगिता के सफल आयोजन पर लॉ कॉलेज को बधाई दी। 

रविवार को उत्तरांचल विश्वविद्यालय के लॉ कॉलेज देहरादून में दो दिवसीय पांचवीं राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता संपन्न हो गई। इसमें न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन ने बतौर मुख्य जज और मुख्य अतिथि शिरकत की। इसके अलावा देश की एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी, सर्वदा लीगल के संस्थापक अभिषेक आनंद, दिल्ली हाई कोर्ट के अधिवक्ता डॉ. अमित जॉर्ज और लॉ कॉलेज देहरादून के डीन डॉ. राजेश बहुगुणा जज की भूमिका में थे। सभी प्रतिभागी और जज इस प्रतियोगिता में ऑनलाइन शामिल हुए। डॉ. राजेश बहुगुणा ने बताया कि यह प्रतियोगिता एक मार्च को राष्ट्रीय स्तर पर प्रारंभ की गई थी। दो माह तक चली प्रतियोगिता में 18 टीम मौखिक दौर के लिए क्वालीफाई कर पाईं। प्रतियोगिता में कुल 16 कोर्ट आयोजित हुए। 37 जज ने निर्णायक की भूमिका निभाई। प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. देवेंद्र पाठक भी शामिल हुए। 

यह रहे विजेता 

विजेता: आरव, लोलिता व अनिकेत, स्कूल ऑफ लॉ, क्राइस्ट यूनिवर्सिटी,  कर्नाटक, (बेंगलुरू) उपविजेता: किशन, आशीष व साक्षी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार, पटना सर्वश्रेष्ठ पुरुष वक्ता: ध्रुव शर्मा, आइसीएफएआइ यूनिवर्सिटी, देहरादून   सर्वश्रेष्ठ महिला वक्ता: नयन सैनी, भारती विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी, दिल्ली सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता: शांभवी सिंह, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, पटना (बिहार)   सर्वश्रेष्ठ मेमोरियल: तनवीर, आन्या व सौम्या, राजीव गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ (पंजाब)। 

यह भी पढ़ें-उत्‍तराखंड की दो अधिकारी बंदना गर्ब्‍याल और आशा रानी पैन्यूली को मिला एशिया पेसिफिक लीडरशिप अवार्ड

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी