मनुष्य के जीवन में वनों बड़ा महत्व : जयराज
प्रमुख मुख्य वन संरक्षक जयराज (आइएफएस) ने कहा कि मनुष्य के जीवन में वनों का बहुत महत्व है। इसी को देखते हुए वन विभाग जंगल को बचाने के कई तरीकों पर कार्य कर रहा है। यह बात उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि इंदर रोड स्थित तस्मियां ऐकेडमी में फाईटो कैमिस्ट्री व आयुर्वेद पोटेनशियल विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कही।
जागरण संवाददाता, देहरादून : प्रमुख मुख्य वन संरक्षक जयराज (आइएफएस) ने कहा कि मनुष्य के जीवन में वनों का बहुत महत्व है। इसी को देखते हुए वन विभाग जंगल को बचाने के कई तरीकों पर कार्य कर रहा है। यह बात उन्होंने बतौर मुख्य अतिथि इंदर रोड स्थित तस्मियां ऐकेडमी में 'फाईटो केमिस्ट्री व आयुर्वेद पोटेनशियल' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में कही।
हिमालयन ड्रग्स कंपनी के निदेशक शिक्षाविद डॉ. एस फारूख ने कहा कि अनुसंधान से ही तरक्की संभव है। दुनियाभर में नैनो टेक्नोलॉजी व सबमैरीन टेक्नोलॉजी तेजी से विकसित हो रही है। यह तकनीक विज्ञान शोध से जुड़े छात्र-छात्राओं के लिए तरक्की के द्वार खोलती है। संगोष्ठी में यूनिवर्सिटीज जर्नल ऑफ फाईटो केमिस्ट्री व आयुर्वेदिक हाइट्स (जर्नल) स्मारिका का विमोचन भी किया गया। आयुर्वेद विवि के कुलपति प्रो. एसके जोशी ने अनुसंधान शब्द को पूर्ण रूप से परिभाषित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। कहा कि शोधकर्ताओं को एक उपयुक्त गाइड की आवश्यकता है जो नहीं मिल पाते हैं। शोध के लिए आदर्श गाइड का होना भी उतना ही जरूरी है जितना शोध का विषय। एफआरआइ विवि के पूर्व कुलपति डॉ. अश्विनी कुमार ने बताया कि वर्तमान में आयुर्वेद में जो शोधकार्य हो रहा है वह केवल क्लीनिकल ट्रायल पर आधारित है। इसको वृहद रूप में लेने की आवश्यकता है। एसबीएस विवि के कुलपति डॉ. अशोक शर्मा ने कहा कि जड़ीबूटी अनुसंधान को प्रेरित व बढ़ाने में जर्नल का सहयोग सराहनीय है। इस दौरान डॉ. हिम्मत सिंह ने जर्नल की सफलता के बारे में बताया। डॉ. आइपी सक्सेना ने जर्नल के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। इस मौके पर डॉ. शैल कुलश्रेष्ठ ने सभी अतिथियों, शिक्षकों व शोधकर्ताओं को धन्यवाद किया।