वन विभाग में रिश्वत लेने वाले को पहुंचाएं जेल: जयराज

प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा बयान दिया है। कहा कि वन विभाग में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है, इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Jan 2019 07:53 PM (IST) Updated:Sun, 27 Jan 2019 07:53 PM (IST)
वन विभाग में रिश्वत लेने वाले को पहुंचाएं जेल: जयराज
वन विभाग में रिश्वत लेने वाले को पहुंचाएं जेल: जयराज

जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा बयान दिया है। कहा कि वन विभाग में बढ़ते भ्रष्टाचार की उनके पास आए दिन शिकायतें आती हैं। शिकायतें भ्रष्टाचार को रोकने का स्थायी समाधान नहीं है। भ्रष्टाचारी के साथ रिश्वत की रकम तय होते ही विजिलेंस या फिर उन्हें जानकारी दें। कहा कि इसके बाद भ्रष्टाचारी को सीधे जेल पहुंचाने का काम हमारा है।

राजपुर रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में पीसीसीएफ जयराज ने वन विभाग में बढ़ते भ्रष्टाचार पर चिंता जताते हुए कड़ी टिप्पणी दी। उन्होंने कहा कि वन विभाग में भी भ्रष्टाचार की जड़ें हैं। मगर, भ्रष्टाचारी कौन है, इसको चिह्नित करना जरूरी है। इसके लिए उनके पास हर दिन शिकायतें आती हैं। यह शिकायतें भ्रष्टाचार को रोकने में नाकाफी हैं। ऐसे में यदि वन विभाग का कोई अफसर और कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त है तो उसके साथ रिश्वत की रकम तय करते ही विजिलेंस या फिर उन्हें सूचना दें। निश्चित ही ऐसे भ्रष्टाचारियों की जगह जेल में तय की जाएगी। प्रदेश में कब्जामुक्त होंगी वन भूमि

पीसीसीएफ ने कहा कि प्रदेश में अभी तक करीब साढे़ नौ हजार हेक्टेअर भूमि अतिक्रमण की जद में है। इसके लिए नए सिरे से सत्यापन और चिह्नीकरण के आदेश दिए जाएंगे। ताकि कितनी भूमि अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है, इसकी स्थिति साफ हो जाएगी। फरवरी पहले सप्ताह में इस संबंध में आदेश दिए जाएंगे। प्रत्येक जिलों के रेंज स्तर से यह जानकारी मांगी जाएगी। उन्होंने स्वीकार किया कि वन भूमि पर बड़ी संख्या में अवैध कब्जे हो चुके हैं। कब्जे चिह्नित होने के बाद हर जिले में अभियान चलाकर वन भूमि को मुक्त कराया जाएगा। खनन में लगे वाहन अब सरकारी संपत्ति

पीसीसीएफ ने प्रदेश में अवैध खनन पर चिंता जताई। कहा कि वन भूमि पर अवैध खनन में जुटे माफिया के खिलाफ विभाग कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। इसके लिए फॉरेस्ट एक्ट के तहत खनन में लगे वाहनों को जुर्माना लेकर नहीं छोड़ा जाएगा। बल्कि ऐसे वाहनों को विभाग सीज कर सरकारी संपत्ति घोषित करेगा। अगले माह से अभियान के रूप में यह कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए वन और राजस्व की संयुक्त टीमें बनाकर कार्रवाई होगी।

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