वन मंत्री डा.हरक सिंह रावत ने रक्षामंत्री से की मुलाकात, कहा सैन्यहित में जरूरी है दो रेजीमेंट को जोड़ने वाली कंडी रोड

गढ़वाल एवं कुमाऊं दोनों मंडलों को राज्य के भीतर ही सीधे आपस में जोडऩे वाली कंडी रोड (रामनगर-कालागढ़- कोटद्वार-लालढांग) के निर्माण के लिए वन मंत्री डा.हरक सिंह रावत ने बुधवार को दिल्ली में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 01:09 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 01:09 PM (IST)
वन मंत्री डा.हरक सिंह रावत ने रक्षामंत्री से की मुलाकात, कहा सैन्यहित में जरूरी है दो रेजीमेंट को जोड़ने वाली कंडी रोड
वन मंत्री डा.हरक सिंह रावत। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, देहरादून। गढ़वाल एवं कुमाऊं दोनों मंडलों को राज्य के भीतर ही सीधे आपस में जोडऩे वाली कंडी रोड (रामनगर-कालागढ़- कोटद्वार-लालढांग) के निर्माण के लिए वन मंत्री डा.हरक सिंह रावत ने बुधवार को दिल्ली में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि गढ़वाल व कुमाऊं रेजीमेंटों को जोडऩे वाली इस सड़क का सैन्यहित में निर्माण बेहद जरूरी है। उन्होंने कोटद्वार-पौड़ी- श्रीनगर राजमार्ग पर दुगड्डा से ज्वाल्पा देवी तक दो सुरंगों का निर्माण कराने की मांग से संबंधित ज्ञापन भी रक्षा मंत्री को सौंपा।

डा.रावत ने रक्षा मंत्री को अवगत कराया कि गढ़वाल व कुमाऊं मंडलों के निवासियों को देहरादून व नैनीताल आने-जाने के लिए उत्तर प्रदेश से होकर गुजरना पड़ता है। इससे समय और धन दोनों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि गढ़वाल एवं कुमाऊं मंडलों के लिए आजादी से पहले से कंडी रोड अस्तित्व में है। इसे लंबे समय से आम यातायात के लिए खोलने की मांग की जा रही है। पूर्व में अविभाजित उत्तर प्रदेश के दौर में इसके निर्माण को धनराशि भी अवमुक्त हुई थी, मगर पर्यावरणीय पेच आड़े आ गए। नतीजतन, बात आगे नहीं बढ़ पाई।

उन्होंने कहा कि कंडी रोड का सामरिक महत्व भी है। लैंसडौन में गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट और रानीखेत में कुमाऊं रेजीमेंट का मुख्यालय है। इस सड़क के बनने पर दोनों रेजीमेंटों को लैंसडौन और रानीखेत आने-जाने में न सिर्फ सहूलियत मिलेगी, बल्कि समय भी बचेगा। उन्होंने रक्षा मंत्री से आग्रह किया कि इस सड़क के निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को निर्देशित किया जाए।

वन मंत्री ने रक्षा मंत्री को एक अन्य ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें कोटद्वार-पौड़ी-श्रीनगर राजमार्ग का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इस मार्ग का उपयोग चारधाम यात्रा के लिए किया जाता है। यह मार्ग काफी घुमावदार और उतार-चढ़ाव वाला है। सुझाव दिया गया है कि इस मार्ग पर दुगड्डा व ज्वाल्पा देवी के मध्य दो सुरंग बनने से कोटद्वार से श्रीनगर पहुंचने में महज तीन घंटे का वक्त लगेगा। साथ ही सफर भी सुगम होगा।

यह भी पढ़ें-दस साल बाद जनता को समर्पित होगा हरिद्वार-देहरादून राजमार्ग, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी करेंगे लोकार्पण

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी