Uttarakhand Forest Fire News: उत्तराखंड में जंगल की आग विकराल, बुजुर्ग के लिए बनी काल

Uttarakhand Forest Fire News उत्तराखंड में जंगल की आग फिर विकराल हो गई है। यह आग रिहायशी इलाकों तक पहुंच गई है। खेतों और घास के ढेरों को राख करने के अलावा यह आग ग्रामीणों के लिए भी काल बनी हुई है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 07:24 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 07:24 AM (IST)
Uttarakhand Forest Fire News: उत्तराखंड में जंगल की आग विकराल, बुजुर्ग के लिए बनी काल
उत्तराखंड में जंगल की आग फिर विकराल हो गई है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Forest Fire News उत्तराखंड में जंगल की आग फिर विकराल हो गई है। यह आग रिहायशी इलाकों तक पहुंच गई है। खेतों और घास के ढेरों को राख करने के अलावा यह आग ग्रामीणों के लिए भी काल बनी हुई है। गैरसैंण के पास एक बुजुर्ग आग बुझाने का प्रयास करते हुए गंभीर रूप से झुलस गए। जिससे उनकी मौत हो गई। 

गढ़वाल से कुमाऊं तक जंगल की आग का कहर थम नहीं रहा है। रोजाना आग से लाखों की वन संपदा को नुकसान पहुंच रहा है। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी जान पर बनी हुई है। बीते छह माह में प्रदेश में आधा दर्जन से अधिक जिंदगियां आग की भेंट चढ़ चुकी हैं। जबकि, कई घायल भी हुए हैं। इसके अलावा वनों की आग की चपेट में आकर बड़ी संख्या में मवेशी मृत और घायल हुए हैं। पौड़ी, अल्मोड़ा और टिहरी में आग की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं। करीब एक सप्ताह पूर्व बारिश और बर्फबारी के कारण जंगल की आग से कुछ राहत जरूर मिली थी। जिससे कुछ दिन जंगलों के धधकने का सिलसिला काफी हद तक थम गया था। लेकिन, अब गर्मी बढ़ने और चटख धूप के बीच फिर से उत्तराखंड के जंगल सुलगने लगे हैं।

खेत में काम करते वक्त झुलसे 

मंगलवार सुबह गैरसैंण नगर मुख्यालय से सटे गडोली-सोनियाणा के जंगल में भीषण आग धधक उठी। समीप ही नगर के वार्ड-6 गडोली निवासी पूर्व लोनिवि कर्मचारी रघुराम अपने खेतों में हल लगा रहे थे कि तेजी से फैलती आग को देख बुझाने को दौड़ पड़े। इस बीच बुजुर्ग ने साहस का परिचय देते हुए आग बुझाई और काफी क्षेत्र में आग फैलने से रोकी, लेकिन एकाएक दूसरी ओर से आग फैल गई और रघुराम आग की लपटों में घिर गए और बुरी तरह झुलस गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

जंगल की आग से मची अफरा-तफरी

पौड़ी, चमोली, हल्द्वानी और नई टिहरी में जंगल की आग विकराल हो गई है। पौड़ी के कल्जीखाल में असामाजिक तत्व ने डांगी गांव के समीप की झाडिय़ों में आग लगा दी। तेज हवा चलने के कारण इस आग ने विकराल रूप ले लिया। अल्मोड़ा जिले के सल्ट में स्वाणखेत गांव तक जंगल की आग पहुंच गई। इससे घास के 16 ढेर राख हो गए। कपकोट, धरमघर, बैजनाथ, बागेश्वर आदि रेंजों के जंगल भी सुलग रहे हैं।

मॉकड्रिल के दौरान एक व्यक्ति झुलसा

पौड़ी में जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे के निर्देश पर जंगलों की आग बुझाने को मॉकड्रिल किया जा रहा रहा था, इस दौरान एक व्यक्ति झुलस गया। खांड्यूसैंण और घुड़दौड़ी के बीच आग बुझाने का मॉकड्रिल किया जा रहा था। समय रहते व्यक्ति को रेस्क्यू कर अस्पताल पहुंचा दिया गया।

अक्टूबर से अब तक 2025 घटनाएं

प्रदेश में जंगलों के धधकने का सिलसिला पिछले साल अक्टूबर से जारी है। इस दौरान प्रदेश में 2025 घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 2764.93 हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है। अकेले गढ़वाल मंडल में ही 1200 घटनाओं में 1668.17 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। प्रदेशभर में अब तक सात लोग जंगल की आग की चपेट में आकर जान गवां चुके हैं। इसके अलावा 19 मवेशियों की मौत और 22 मवेशी गंभीर रूप से झुलसे हैं। छह महीने में प्रदेश में 12752 पेड़ आग की चपेट में आकर राख हो गए हैं।

24 घंटे में ही 190 घटनाएं

बीते 24 घंटे के दौरान उत्तराखंड में जंगल की आग की 190 घटनाएं हुई हैं। जिसमें कुल 166.47 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। इसमें गढ़वाल में सर्वाधिक 94 घटनाएं, कुमाऊं में 80 और संरक्षित वन क्षेत्र में 16 घटनाएं शामिल हैं।

प्रदेश में सबसे ज्यादा प्रभावित पांच जिले जिला, घटनाएं, प्रभावित क्षेत्र पौड़ी, 572, 825.02 अल्मोड़ा, 175, 352.40 टिहरी, 224, 332.85 देहरादून, 138, 243.90 बागेश्वर, 169, 234.43 (प्रभावित क्षेत्र हेक्टेयर में) 

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