वन मंत्री हरक बोले, नहीं रुकवाया सड़कों का काम; मांगी गई रिपोर्ट

वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने पीएमजीएसवाई की सड़कों का कार्य रोकने के आदेश नहीं दिए बल्कि इस संबंध में सभी प्रभागीय वनाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी।

By Edited By: Publish:Wed, 22 May 2019 03:01 AM (IST) Updated:Wed, 22 May 2019 10:53 AM (IST)
वन मंत्री हरक बोले, नहीं रुकवाया सड़कों का काम; मांगी गई रिपोर्ट
वन मंत्री हरक बोले, नहीं रुकवाया सड़कों का काम; मांगी गई रिपोर्ट

देहरादून, राज्य ब्यूरो। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की सड़कों का कार्य रोकने के आदेश नहीं दिए हैं, बल्कि इस संबंध में सभी प्रभागीय वनाधिकारियों (डीएफओ) से रिपोर्ट मांगी गई है। इससे यह पता चल सकेगा कि पीएमजीएसवाई की कितनी सड़कों के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं ली गई। 

इस बीच, शासन की रोक के बावजूद डॉ. रावत ने लालढांग-चिलरखाल मार्ग पर चिलरखाल के नजदीक तैयार हो रहे पुल की सेटरिंग का कार्य अपनी मौजूदगी में करवाया। उन्होंने कहा कि कोशिश यह है कि जून तक तीनों पुल तैयार हो जाएं, ताकि बरसात में आवाजाही में कोई दिक्कत न होने पाए। 

इस सड़क को लेकर वन मंत्री की मुहिम के समर्थन में कोटद्वार, लालढांग क्षेत्र के लोग आगे आए हैं। उन्होंने शासन के उस आदेश का कड़ा विरोध किया, जिसमें सड़क का काम रुकवाने के निर्देश दिए गए थे। 

लालढांग-चिलरखाल मार्ग का निर्माण कार्य रोकने संबंधी शासन के आदेश से खफा वन मंत्री डॉ.रावत का ध्यान अब पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाली सड़कों की तरफ भी गया है। डॉ. रावत ने कहा कि नियम सबके लिए होने चाहिए। यह संज्ञान में आया है कि पीएमजीएसवाई में बिना फॉरेस्ट क्लीयरेंस लिए ही सड़क काट दी जा रही हैं। 

इस संबंध में उन्होंने सभी डीएफओ को पत्र भेजकर अपने-अपने क्षेत्रों में पीएमजीएसवाई की उन सड़कों के संबंध में रिपोर्ट मांगी है, जो वन क्षेत्र से गुजर रही हैं। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद इस सिलसिले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

उधर, अपने वायदे के मुताबिक वन मंत्री ने लालढांग-चिलरखाल मार्ग पर चिलरखाल के नजदीक बरसाती नदी पर बन रहे स्पॉन पुल का सेटरिंग का कार्य अपनी मौजूदगी में कराया। उन्होंने कहा कि राज्यहित में इस सड़क का बनना जरूरी है। एनटीसीए व एनजीटी किसी ने भी इसे रोकने को नहीं कहा है। ऐसे में शासन में बैठा अधिकारी एक डीएफओ के कहने पर इसे कैसे रोक सकता है। इस आदेश का वन मंत्रालय नहीं मानता। 

उन्होंने बताया कि अब दो अन्य पुलों की सेटरिंग का कार्य होगा। कोशिश यह है कि बरसात शुरू होने से पहल इन पुलों का निर्माण कार्य पूरा करा दिया जाए। इससे बरसात में भी इस मार्ग पर आवागमन में दिक्कत नहीं आएगी। 

महकमा तैयार कर रहा रिपोर्ट 

लालढांग-चिलरखाल मार्ग की स्थिति को लेकर शासन की ओर से मांगी गई रिपोर्ट पर वन महकमा इसे तैयार करने में जुट गया है। माना जा रहा दो-तीन दिन में इसे तैयार कर शासन को भेज दिया जाएगा। बता दें कि इस सड़क को लेकर उठे विवाद के बाद प्रमुख सचिव वन आनंदव‌र्द्धन ने विभाग से भूमि हस्तांतरण से लेकर अब तक की पूरी स्थिति पर आख्या मांगी है।

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