फूड इंडस्ट्री ने पीएम मोदी से मांगी जीएसटी में रियायत, पढ़िए पूरी खबर

फूड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भेजकर बताया की स्टेट जीएसटी की वजह से उत्तराखंड के एमएसएमई सेक्टर का नमकीन उद्योग का अस्तित्व खतरे में है। इन उद्योगों में ताला लटके इससे पहले जीएसटी काउंसिल के माध्यम से स्टेट जीएसटी को पूर्व घोषित रियायत दी जाए।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 12:20 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 12:20 PM (IST)
फूड इंडस्ट्री ने पीएम मोदी से मांगी जीएसटी में रियायत, पढ़िए पूरी खबर
फूड इंडस्ट्री ने पीएम मोदी से मांगी जीएसटी में रियायत।

जागरण संवाददाता, देहरादून। फूड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर बताया की स्टेट जीएसटी की वजह से उत्तराखंड के एमएसएमई सेक्टर का नमकीन उद्योग का अस्तित्व खतरे में है। इन उद्योगों में ताला लटके इससे पहले जीएसटी काउंसिल के माध्यम से स्टेट जीएसटी को पूर्व घोषित रियायत दी जाए। 

फूड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के समन्वयक अनिल मारवाह ने मंगलवार को प्रधानमंत्री के लिए पत्र प्रेषित किया। बताया कि छह अक्टूबर 2017 को जीएसटी काउंसिल की 22वीं मीटिंग हुई थी, जिसमें एमएसएमई सेक्टर के नमकीन उद्योगों को राहत दी गई थी। राहत के रूप में अनब्रांडेड नमकीन पर कर की दर को 12 फीसद से घटाकर पांच फीसद कर दिया गया था, लेकिन काउंसिल के इस निर्णय का लाभ उत्तराखंड में स्टेट जीएसटी ने नमकीन उद्योगों को आज तक नहीं दिया है। इसकी मूल वजह यह है कि स्टेट जीएसटी ने अनब्रांडेट नमकीन के साथ खुली नमकीन की शर्त को जोड़ दिया। जिसके बाद से अनब्रांडेड नमकीन पर कर की दर पांच के बजाए 12 फीसद वसूला जा रहा है। उत्तराखंड में तीन सौ से अधिक उद्योग एमएसएमई सेक्टर में नमकीन उद्योग से जुड़े हैं, जिसमें करीब 20 हजार को प्रत्यक्ष रोजगार भी मिला हुआ है। उन्होंने बताया कि एमएसएमई सेक्टर का नमकीन उद्योग किसी भी सूरत में खुली नमकीन नहीं बेच सकता है। व एफएसएसएआइ एक्ट खुले खाद्य पदार्थों की बिक्री की इजाजत नहीं देता है। 

फूड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के सह समन्वयक पवन अग्रवाल ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि इस परेशानी से उत्तराखंड के नमकीन उद्योग को राहत दी जाए ताकि लघु नमकीन उद्योग के राहत मिल सके।

नमकीन उद्योग को मिली रात्रि कर्फ्यू से राहत 

फूड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने जिलाधिकारी डॉ.आशीष कुमार श्रीवास्तव को पत्र लिखकर आग्रह किया कि रोजमर्रा उपयोग होने वाले खाद्य पदार्थ जैसे ब्रेड, रस, बेकरी उत्पाद, दूध व पैकिंग मैटरियल आदि की आपूर्ति को रात्रि कर्फ्यू से छूट मिली चाहिए अन्यथा फूड सप्लाई चैन टूट सकती है। उपरोक्त सभी वस्तुओं डेली नीड के दायरे में आती हैं।

यह भी पढ़ें-उत्तराखंड में ढाई साल बाद भी धरातल पर नहीं उतरे एक चौथाई समझौते, पढ़िए पूरी खबर

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी