लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को केदार सिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार, सीएम ने नवाजा
पर्यावरण एवं विकास केंद्र की ओर से शनिवार को कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के जनता दर्शन हाल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को केदार सिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार से नवाजा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। पर्यावरण एवं विकास केंद्र की ओर से शनिवार को कैंट रोड स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के जनता दर्शन हाल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को केदार सिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार से नवाजा। लोकगायक नेगी को यह पुरस्कार गीतों के माध्यम से पर्यावरण एवं वनों के संरक्षण के लिए लोक चेतना जागृत करने के लिए प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकगायक नेगी ने अपने गीतों के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति, ऐतिहासिकता, पौराणिकता, पर्यावरण संरक्षण को लेकर राज्य को विशेष पहचान दिलाई है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यापक जनजागरूकता के साथ ही इस दिशा में हमें और प्रयास करने होंगे। जल संरक्षण के लिए भी गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैव विविधता के मामले में धनी है और यह राज्य को अलग पहचान दिलाता है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में पद्मभूषण चंडी प्रसाद भट्ट, केदार सिंह रावत आदि के योगदान को याद किया।लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए जनजागरण की दिशा में और अधिक प्रयासों की जरूरत बताई। कार्यक्रम में बीडी सिंह, ओमप्रकाश भट्ट, सीपी भट्ट, गणेश खुगशाल, रमेश थपलियाल आदि मौजूद थे।
स्वामी ने तीरथ के फैसले को सराहा
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार करने के फैसले का बड़े पैमाने पर स्वागत हो रहा है। इस कड़ी में भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी और अध्यात्मिक गुरू सदगुरू ने भी सरकार के इस फैसले को सराहा है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि यह हिंदुओं की एक बड़ी जीत है।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम लागू होने के बाद हक-हकूकधारी इसका विरोध कर रहे थे। भाजपा नेता व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मसले पर हक-हकूकधारियों का समर्थन करते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी। उन्होंने इसमें सरकार के फैसले पर सवाल उठाए थे।
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