विकासनगर में कोहरे से प्रभावित हो रही दिनचर्या, फसलों को भी हो रहा नुकसान
यमुना घाटी में पिछले चार दिन से मैदानी क्षेत्रों की तरह से घना कोहरा छाया है। रात होते ही छाने वाले घने कोहरे की चादर से पछवादून के गांव शहर ढक रहे हैं। अगले दिन सुबह 11 बजे से पहले सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो पा रहे।
संवाद सहयोगी, विकासनगर: यमुना घाटी में पिछले चार दिन से मैदानी क्षेत्रों की तरह से घना कोहरा छाया है। रात होते ही छाने वाले घने कोहरे की चादर से पछवादून के गांव शहर ढक रहे हैं। अगले दिन सुबह 11 बजे से पहले सूर्यदेव के दर्शन नहीं हो पा रहे। कोहरे के कारण ठिठुरन बढ़ने से दिनचर्या देर से शुरू हो रही है। वहीं पाला पडऩे से गेहूं, सरसों आदि फसलों को भी नुकसान हो रहा है।
पिछले चार दिन से क्षेेत्र में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। पछवादून में इस बार कोहरा बीते वर्षों की तुलना में ज्यादा दिखाई दे रहा है। आमतौर पर क्षेत्र में पहले कभी कोहरे का इस प्रकार का रुख देखने को नहीं मिलता था। हालांकि सर्दी के मौसम में एक दो बार घने कोहरे की स्थिति होती जरुर थी, परंतु मैदानी क्षेत्रों की भांति प्रतिदिन ऐसे हालात कभी यमुनाघाटी के निवासियों ने नहीं देखे। विकासनगर निवासी संजय जैन, नीरज अग्रवाल, शशांक, एजाज खान बबलू, मुनीर अहमद आदि का कहना है कि इस बार पछवादून में यूपी के मैदानी क्षेत्रों जैसा सा कोहरा दिखाई दे रहा है।
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घने कोहरे के कारण क्षेत्र के निवासियों की दिनचर्या भी व्यापक स्तर पर प्रभावित हो रही है। कोहरा छंटने पर सूर्यदेव के दर्शन होने के बाद दिनचर्या अब सुबह ग्यारह-बारह बजे शुरु हो रही है। कोहरे के कारण सुबह व रात के समय क्षेत्र के तमाम मुख्य मार्गों से लेकर गांवों को जाने वाली सड़कों पर दूर-दूर तक कुछ भी दिखाई नहीं देता। सुबह को वाहनों की लाइटें जलाकर चलना पड़ रहा है। उधर नगरीय क्षेत्रों में भी बाजारों पर कोहरे का आस साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। शाम को बाजार में सन्नाटा पसर रहा है।
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