परमार्थ नारी सशक्ती केंद्र की नारियों को प्रशिक्षण देकर किया गया पांच स्वयं सहायता समूहों का गठन

परमार्थ निकेतन की डिवाइन शक्ति फाउंडेशन के अंतर्गत परमार्थ नारी सशक्ती केंद्र की नारियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण देकर पांच स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया। इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करना अत्यंत आवश्यक है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 01:30 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 01:30 PM (IST)
परमार्थ नारी सशक्ती केंद्र की नारियों को प्रशिक्षण देकर किया गया पांच स्वयं सहायता समूहों का गठन
प्रशिक्षण में शामिल प्रतिभागियों को रुद्राक्ष का पौधा भेंट करते हैं स्वामी चिदानंद सरस्वती।

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन की डिवाइन शक्ति फाउंडेशन के अंतर्गत परमार्थ नारी सशक्ती केंद्र की नारियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण देकर पांच स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया। परमार्थ नारी सशक्ती केंद्र, प्रकाश भारती एवं महिला व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र, देहरादून रोड पर विभिन्न समुदायों की महिलाओं एवं बेटियों को दो दिवसीय स्वयं सहायता समूह क्षमता वृद्धि प्रशिक्षण दिया गया।

इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करना अत्यंत आवश्यक है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से बेटियों और महिलाओं के कौशल को बढ़ाकर आत्मनिर्भर बनाने का उत्कृष्ट प्रयास है। कोविड महामारी के इस दौर में लैंगिक समानता के साथ महिलाओं को वित्तीय प्रणाली और रोजगार से जोड़ना आवश्यक है ताकि वे जीवन में आने वाली आर्थिक चुनौतियों का सामना कर सके।

डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की अध्यक्ष साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि नारी सशक्तीकरण आत्मनिर्भर भारत की नींव है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जीवा कार्यक्रम समन्वय और क्रियान्वयन अधिकारी गंगा नंदिनी त्रिपाठी, वंदना शर्मा, उपासना, रामचन्द्र शाह, पुष्पलता आदि ने सहयोग दिया। 

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आपदा से निपटने के सिखाए गुर

बीएसएफ इंस्टीट्यूट ऑफ एडवेंचर एंड एडवांस ट्रेंनिंग संस्थान डोईवाला में गुरुग्राम सीआरपीएफ अकादमी के 61 प्रशिक्षु अधिकारियों ने आपदा से निपटने के गुर सीखे। छह दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के समापन पर प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कमांडेंट महेश कुमार नेगी ने कहा कि प्रशिक्षु अधिकारियों ने प्रशिक्षण के दौरान व्हाइट वॉटर राफ्टिंग, मरीन ड्राइव, ट्रैकिंग, रिवर क्रॉसिंग, ट्रैकिंग, रॉक क्लाइंबिंग, कॉन्फिडेंस जंप, बॉडी सर्फिंग, पैराग्लाइडिंग, पैरामोटरिंग, यूएवी हैंडलिंग, आर्टिफिशियल वॉल क्लाइंबिंग आदि सीखा है।

प्रशिक्षणार्थियों को साहसिक, जोखिम और आपदाओं से निपटने की ट्रेनिंग के साथ पर्यावरण के बारे में भी जानकारी दी गई। इस तरह का प्रशिक्षण प्राकृतिक आपदाओं व मिलने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए मील का पत्थर साबित होता है। इस मौके पर संस्थान के द्वितीय कमान अधिकारी सुनील सोलंकी, डिप्टी कमांडेंट आरएन भाटी, दिनेश कुमार चौहान, मनोज सुंद्रियाल, डॉ. उपेंद्र यादव, पीके जोशी, एसके त्यागी, अरुण रतूड़ी, पवन कुमार, पुनीत तोमर आदि भी उपस्थित थे।

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