उत्तराखंड में इतने ऊंचे भवनों के लिए अग्नि सुरक्षा अनापत्ति अनिवार्य, आप भी जानिए

15 मीटर या इससे अधिक ऊंचे आवासीय भवनों औद्योगिक-व्यवसायिक भवनों और विस्फोटक एवं तीव्र ज्वलनशील पदार्थों के भंडारण को अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य किया गया है। 15 मीटर से कम ऊंचाई के भवनों को अग्नि सुरक्षा अनापत्ति प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 11:24 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 11:24 AM (IST)
उत्तराखंड में इतने ऊंचे भवनों के लिए अग्नि सुरक्षा अनापत्ति अनिवार्य, आप भी जानिए
उत्तराखंड में इतने ऊंचे भवनों के लिए अग्नि सुरक्षा अनापत्ति अनिवार्य, आप भी जानिए।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में 15 मीटर या इससे अधिक ऊंचे आवासीय भवनों, औद्योगिक-व्यवसायिक भवनों और विस्फोटक एवं तीव्र ज्वलनशील पदार्थों के भंडारण को अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य किया गया है। 15 मीटर से कम ऊंचाई के भवनों को अग्नि सुरक्षा अनापत्ति प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी।

उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा, अग्नि निवारण व सुरक्षा के बिंदुओं को प्रदेश में लागू किया गया है। इस संबंध में राज्यपाल का अनुमोदन मिलने के बाद गृह सचिव डा रंजीत कुमार सिन्हा ने अधिसूचना जारी की है। उत्तराखंड में अग्निशमन एवं आपात सेवा नियमावली लागू नहीं है। ऐसे में उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा, अग्नि निवारण व सुरक्षा अधिनियम, 2016 की धारा-26 में शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्यपाल ने यह कदम उठाया है।

अधिसूचना के मुताबिक अग्निशमन विभाग विकास प्राधिकरणों अथवा भवन निर्माण एवं विकास उपविधि का पालन कराने वाली संस्थाओं की ओर से मांगे जाने पर अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र जारी करेगा। अग्नि सुरक्षा अधिनियम की धारा-17 के तहत भवनों में अग्नि रोकथाम और अग्नि सुरक्षा उपायों की पर्याप्तता के लिए निरीक्षण किया जा सकता है। अपर्याप्त व्यवस्था मिलने पर नोटिस जारी किए जाएंगे। अनापत्ति प्रमाणपत्र राज्य व केंद्र सरकार की ओर से अग्नि सुरक्षा एवं जीव रक्षा के मानकों के अनुपालन पर ही जारी किए जाएंगे।

सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि अग्नि सुरक्षा अनापत्ति प्रमाणपत्र से छूट का तात्पर्य अग्नि सुरक्षा एवं जीव रक्षा मानकों में ढील देना नहीं माना जाएगा। यह प्रमाणपत्र रद नहीं होने की स्थिति में आवासीय भवनों के लिए पांच वर्ष तक लागू माना जाएगा। इसमें होटल शामिल नहीं है। अन्य व्यवसायिक भवनों, औद्योगिक संस्थान, शैक्षणिक संस्था, शापिंग कांपलेक्स, होटल, अस्पताल, वेयर हाउस, पेट्रोलियम एवं विस्फोटक भंडारण के लिए तीन वर्ष के लिए प्रमाणपत्र वैध होगा। वैधता अवधि समाप्त होने से पहले दोबारा नवीनीकरण करना होगा।

अग्नि निवारण व अग्नि सुरक्षा परिस्थिति देखते हुए अनापत्ति प्रमाणपत्र की वैधता अवधि को कारणों का परीक्षण व अध्ययन कर विशेष प्रकार के भवन या परिसर के लिए विशेष आदेश से कम किया जा सकेगा। विभागीय निदेशक इसके लिए अधिकृत होंगे। अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्तकर्त्ता को हर छह महीने में भवन या परिसर में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था और उपकरणों की संतोषजनक स्थिति एवं कार्यशील होने का स्व-घोषणा प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा। भवन के आकार या प्रकृति में परिवर्तन होने की स्थिति में नए सिरे से प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य होगा।

यह भी पढ़ें- देहरादून: शहर में यातायात में सबसे बड़े बाधा बने बाटल नेक, यहां रहती है जाम की समस्‍या

chat bot
आपका साथी