विधानसभा सत्र : कृषि अवसंरचना निधि में 785 करोड़ का वित्तीय लक्ष्य
कृषि अवसंरचना निधि कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड के लिए 785 करोड़ रुपये का वित्तीय लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत फसल कटाई के बाद प्रबंधन के लिए फार्म गेट और एग्रीगेशन प्वाइंट्स में कृषि अवसंरचना परियोजनाओं की फंडिंग के लिए वित्तीय सुविधा प्रदान की जा रही है।
राज्य ब्यूरो, गैरसैंण। केंद्र सरकार के कृषि अवसंरचना निधि कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड के लिए 785 करोड़ रुपये का वित्तीय लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत फसल कटाई के बाद प्रबंधन के लिए फार्म गेट और एग्रीगेशन प्वाइंट्स (सहकारी समितियां, किसान उत्पाद संगठन, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप, विपणन सहकारी समितियां, कृषक समूह, संयुक्त देयता समूह, बहुद्देश्यीय सहकारी समितियां, कृषक प्रक्षेत्र) में कृषि अवसंरचना परियोजनाओं की फंडिंग के लिए वित्तीय सुविधा प्रदान की जा रही है। योजना में अधिकतम दो करोड़ की ऋण धनराशि देने और ऋण पर ब्याज में सात साल तक तीन फीसद छूट देने का प्रविधान है। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने विधायक प्रीतम सिंह पंवार के प्रश्न के उत्तर में सदन को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अवसंरचना निधि से 1591 प्रोसेसिंग यूनिट भी प्रस्तावित हैं।
आराकोट में खुलेगा कोल्ड स्टोर
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में वर्तमान में किसानों को उत्पादों के भंडारण की सुविधा के लिए 22 कोल्ड स्टोर निजी क्षेत्र और एक राजकीय क्षेत्र में संचालित हैं। इसके अलावा खाद्य प्रसंस्करण के लिए 124 इकाइयां और किसान संपदा योजना के तहत 23 कोल्ड चेन इकाइयां स्थापित की गई हैं। उन्होंने कहा कि आराकोट में भी सरकार कोल्ड स्टोर बनाने जा रही है। इससे वहां के किसानों को कृषि उत्पादों का भंडारण कर आफ सीजन में अच्छे दाम मिलेंगे।
एंटी हेलगन तकनीक कारगर नहीं
कृषि मंत्री ने विधायक प्रीतम सिंह पंवार के एक अन्य प्रश्न के उत्तर में बताया कि अतिवृष्टि एवं ओलावृष्टि से फसलों को बचाने के लिए एंटी हेलगन तकनीकी कारगर नहीं है। इस संबंध में हिमाचल प्रदेश में हुए प्रयोग का अध्ययन कराया गया तो बात सामने आई कि इसके नतीजे ठीक नहीं हैं। यह पर्यावरण के लिहाज से भी ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि फसलों को बचाने के लिए राज्य में किसानों को 75 फीसद सब्सिडी पर ऐंटी हेलनेट प्रदान किए जा रहे हैं। विधायक गणेश जोशी के अनुपूरक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि आपदा में फसल क्षति के मानकों में यहां की परिस्थितियों के अनुरूप शिथिलता के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजा जाएगा।
एचआरडीआइ में जल्द होंगी भर्तियां, चलेंगे सभी संकाय
चमोली जिले में जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान गोपेश्वर में ढांचे के अनुरूप जल्द ही भर्तियां होंगी। इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। ढांचे के अनुरूप पदों पर भर्तियां होने के बाद संस्थान में पांचों संकाय शुरु होंगे। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने विधायक देशराज कर्णवाल के मूल प्रश्न और विधायक महेंद्र भट्ट और मुन्ना सिंह चौहान के अनुपूरक प्रश्नों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने संस्थान की उपलब्धियों की जानकारी भी दी। विधायक रामसिंह कैड़ा के प्रश्न पर कृषि मंत्री ने बताया कि भीमताल क्षेत्र में वर्ष 2019-20 में ओलावृष्टि व अतिवृष्टि से फसलों को आंशिक क्षति हुई। इसमें तय मानकों के अनुरूप मुआवजा दिया गया।
राज्य में 19.69 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उत्पादन
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने विधायक प्रीतम सिंह पंवार के प्रश्न के उत्तर में बताया कि राज्य में खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष यह 18.86 लाख मीट्रिक टन के सापेक्ष इस वर्ष 19.69 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है। उन्होंने कहा कि सायल कार्ड समेत अन्य कदमों के बूते कीटनाशक व रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग भी राज्य में घटा है।
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