इंजीनियरिंग के छात्र को बीच में संस्थान छोड़ने पर रिफंड होगी फीस, पढ़‍िए पूरी खबर

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने तकनीकी संस्थानों में प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों को राहत दी है। जिन छात्र-छात्राओं ने एआइसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थान में प्रवेश ले लिया है लेकिन वे किसी कारणवश दाखिला रद कराना चाहते हैं तो उनको पूरी फीस वापस मिलेगी।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 17 Oct 2021 02:30 PM (IST) Updated:Sun, 17 Oct 2021 02:30 PM (IST)
इंजीनियरिंग के छात्र को बीच में संस्थान छोड़ने पर रिफंड होगी फीस, पढ़‍िए पूरी खबर
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने तकनीकी संस्थानों में प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों को राहत दी है।

जागरण संवाददाता, देहरादून : अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने तकनीकी संस्थानों में प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों को राहत दी है। जिन छात्र-छात्राओं ने एआइसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थान में प्रवेश ले लिया है, लेकिन वे किसी कारणवश दाखिला रद कराना चाहते हैं तो उनको पूरी फीस वापस मिलेगी। एआइसीटीई ने सभी संस्थानों को ऐसे छात्रों की पूरी फीस वापस करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि पूरी फीस उन्हीं छात्र-छात्राओं को वापस मिलेगी, जो 10 नवंबर तक दाखिला वापस लेंगे। इसके बाद दाखिला रद करने वाले छात्र को कटौती के साथ फीस लौटाई जाएगी।

यह हैं एआइसीटीई के नियम

जो छात्र-छात्राएं 10 नवंबर तक दाखिला वापस लेंगे उन्हें अधिकतम एक हजार रुपये प्रोसेसिंग फीस काटकर शेष रकम वापस मिलेगी। जो छात्र इसके बाद दाखिला वापस लेंगे, उन्हें एक हजार रुपये प्रोसेसिंग के अलावा ट्यूशन व हास्टल फीस में 30 फीसद की कटौती के बाद फीस वापस होगी। यदि 15 नवंबर तक सीट नहीं भरती है तो उन्हें केवल सिक्योरिटी डिपोजिट की रकम और मूल प्रमाण पत्र ही वापस मिलेंगे। संबंधित संस्थान को छात्र का लिविंग सर्टिफिकेट भी वापस करना होगा।

बीच में पढ़ाई छोड़ने पर भी राहत

एआइसीटीइ ने उन छात्रों को भी राहत दी है, जो पढ़ाई करते हुए किसी कारणवश बीच में संस्थान छोडऩा चाहते हैं। संस्थान ऐसे छात्रों से अगले सेमेस्टर की फीस नहीं ले सकता है। संस्थानों को निर्देशित किया गया है कि ऐसे छात्रों के मूल प्रमाण पत्र और रिफंडेबल धनराशि भी सात दिनों के भीतर वापस की जाए।

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यह नियम उत्तराखंड के लिए अहम

राज्य के वीर माधो सिंह भंडारी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से नौ राजकीय व संगठक इंजीनियङ्क्षरग कालेज और 20 निजी कालेज संबद्ध हैं। इनमें हर साल करीब 13 हजार छात्र-छात्राएं दाखिला लेते हैं। इन संस्थानों में 8848 प्रथम सेमेस्टर की सीटें हैं। इसके अलावा 14 निजी विवि में भी चार हजार से अधिक बीटेक की सीटें हैं। इन सभी संस्थान में देशभर के छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने आते हैं। किसी कारण उन्हें बीच में ही पढ़ाई छोडऩी पड़ती है तो कई संस्थान फीस वापस करने को लेकर आनाकानी करते हैं। छात्रों के अभिभावकों को महीनों तक फीस रिफंड के लिए संस्थानों से पत्राचार करना पड़ता है।

वीर माधो सिंह भंडारी प्रौद्योगिकी विवि के कुलपति डा. पीपी ध्यानी ने बताया कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) के जो नियम हैं, उसे प्रौद्योगिकी विवि सौ फीसद लागू करता है। बीच में कालेज छोडऩे वाले छात्र को नियमानुसार फीस रिफंड की जाएगी। इसमें कोई गतिरोध उत्पन्न नहीं होना चाहिए।

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