Farmers Protest: किसान आंदोलन को मिला अखिल भारतीय चालक संघ का समर्थन

किसान आंदोलन को अखिल भारतीय चालक परिसंघ ने भी अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि बड़ी चिंता है कि आज देश के लोगों को अपने अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ रहा है।उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों की बात सुनने की मांग की है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 02:41 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 02:41 PM (IST)
Farmers Protest: किसान आंदोलन को मिला अखिल भारतीय चालक संघ का समर्थन
Farmers Protest: किसान आंदोलन को मिला अखिल भारतीय चालक संघ का समर्थन।

देहरादून, जेएनएन। किसान आंदोलन को अखिल भारतीय चालक परिसंघ ने भी अपना समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि बड़ी चिंता है कि आज देश के लोगों को अपने अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष करना पड़ रहा है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड हिमाचल, राजस्थान समेत अन्य राज्यों के किसान अपने अधिकारों को संरक्षित करने के लिए मांग कर रहे हैं। ऐसे में हम किसानों का समर्थन करते हैं। 

अखिल भारतीय चालक संघ के अध्यक्ष मिलन राज वंशी और महामंत्री संदीप कुमार मौर्य का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों के मांगपत्र के साथ ही हर वर्ग की समस्याओं का समय पर संज्ञान लेकर उनको हल करना चाहिए। उन्होंने सरकार से किसानों की बात सुनने की मांग की है। साथ ही उनके हित में सार्थक कदम उठाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित करने की अपील की है। 

बात न बनी तो आर-पार की लड़ाई को तैयार

किसान आंदोलन का असर उत्तराखंड में दिख रहा है। यहां भी किसान अब कृषि कानून के खिलाफ आर-पार की लड़ाई को तैयार हो गए हैं। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने दिल्ली में सरकार के साथ बात न बनने की स्थिति में प्रदेशभर में आंदोलन की चेतावनी दी है।

मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के उत्तराखंड प्रदेश कार्यालय पर आपात बैठक बुलाई गई। प्रदेश प्रभारी उषा तोमर, यूनियन के प्रवक्ता चौधरी युद्धवीर सिंह तोमर, नीलम त्यागी आदि ने बैठक में वर्तमान स्थिति और आगामी आंदोलन पर चर्चा की। बैठक में कृषि कानून के विरोध में चल रहे आंदोलन पर किसान नेताओं ने विचार व्यक्त किए। प्रदेश प्रभारी ऊषा तोमर ने कहा कि यदि केंद्र सरकार की ओर से किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता तो उत्तराखंड में भी वृहद स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। 

बताया कि उत्तराखंड से बड़ी संख्या में किसान और यूनियन के पदाधिकारी चौधरी राकेश टिकैत की अगुआई में आंदोलन के लिए दिल्ली गए हुए हैं। उन्होंने सभी किसान नेताओं को भावी आंदोलन के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। बताया कि दिल्ली में अभी एक वार्ता हो चुकी है, लेकिन तीन दिसंबर को फिर से वार्ता होगी। उसमें जो निष्कर्ष निकलेगा, उसी के आधार पर अगला निर्णय लिया जाएगा। कहा कि दिल्ली में वार्ता विफल होने पर उत्तराखंड के किसान सड़कों पर उतरकर विशाल आंदोलन करेंगे। साथ ही मांगें माने जाने तक आंदोलन जारी रहेगा। जरूरत पड़ी तो उत्तराखंड का हर एक किसान दिल्ली कूच करेगा।

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