पर्वतीय इलाके में किसानों ने बदला ट्रेंड, आधुनिक उपकरण बढे़
भगत सिंह तोमर साहिया जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के कालसी व चकराता ब्लॉक क्षेत्र में हल से खेत की जुताई करना अब गुजरे जमाने की बात है। किसान आधुनिक उपकरण को उपयोग में लाकर बेहतर कर रहे हैं।
भगत सिंह तोमर, साहिया:
जनजातीय क्षेत्र जौनसार बावर के कालसी व चकराता ब्लॉक क्षेत्र में हल से खेतों की जुताई करना अब गुजरे जमाने की बात हो गई है। अब जनजातीय क्षेत्र में खेतों में आधुनिक उपकरण दिखने लगे हैं। जौनसार-बावर के खेतों मे किसान पावर बिल्डर ट्रैक्टर, स्पेरिग मशीन, ब्रुश कटर से खेती व बागवानी करने लगे हैं। किसानों का कहना है बदलाव लाने से ही खेतों में बेहतर उत्पादन की उम्मीद की जा सकती है। आधुनिक उपकरणों से कम समय में ज्यादा काम हो जाता है।
किसानों को आधुनिक तकनीक व उपकरणों की तरफ मोड़ने का काम आजीविका बहुदेशीय सहायता समूह चकराता व कालसी कृषि बमटाड खत शैली की ओर से किया जा रहा है। 166 समूहों से 1850 सदस्य जुड़कर खेतों में आधुनिक कृषि उपकरण का इस्तेमाल कर रहे हैं। धीरे-धीरे अन्य किसानों व बागवानों को भी जोड़ने का प्रयास चल रहा है। समूह ही किसानों व बागवानों को पावर बिल्डर ट्रैक्टर, स्पेरिग मशीन, ब्रुश कटर आदि कृषि उपकरण मुहैया करा रहा है। जौनसार-बावर में अदरक, गागली, टमाटर, धान, मटर, गेहूं, मिर्च, राजमा, कुलती आदि उगाने के लिए खेत तैयार करने में आधुनिक उपकरण से समय की बचत हो रही है। आजीविका समन्वयक कृषि बमटाड महावीर सिह तोमर, किसान केसर सिंह, इन्दर सिंह, पूरण सिंह, नारायण सिंह, शूरवीर सिंह, मुकेश चौहान, संजय सिंह, खजान सिंह, सूरत सिंह, विक्रम सिंह, विरेन्द्र सिंह, सूरत जोशी, भीम दत्त जोशी आदि का कहना है कि कृषि उपकरणों से कम समय में ज्यादा काम होने पर किसानों को सहूलियत तो मिल ही रही है, साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों के सीढ़ीनुमा खेतों मे हल चलाने में आ रही समस्या से भी छुटकारा मिला है। सरकार की ओर से पहली किस्त 3600 रुपये प्रति किसान को उत्पादन के लिए मिलते हैं, योजना का ज्यादा फायदा बीपीएल परिवार को मिलता है। आजीविका बहुउद्देशीय सहायता समूह के बीके भट्ट के अनुसार दोनों ब्लॉक क्षेत्रों में आजीविका सहायता समूह चल रहे हैं, जिससे हर किसानों को सुविधा मुहैया कराने के लिए सरकार योजना चला रही है।