बीमारियों की असली जड़ है हमारा मस्तिष्क
जागरण संवाददाता देहरादून सनराइज ऐकेडमी मैनेजमेंट सोसाइटी में तीन दिवसीय फार्मा सेमिनार शुरू ह
जागरण संवाददाता, देहरादून: सनराइज ऐकेडमी मैनेजमेंट सोसायटी में तीन दिवसीय फार्मा सेमिनार शुरू हुआ। पहले दिन वक्ताओं व विशेषज्ञों ने फार्मा क्षेत्र की संभावनाओं, कठिनाइयों, नवीन तकनीक व पेटेंट पर विचार रखे।
सोमवार को सेमिनार का उद्घाटन करते हुए यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल ने कहा कि इस समय चिकित्सा क्षेत्र में विश्वभर में दो तरह के शोध कार्य चल रहे हैं। पहले शोध कार्यो में दवा, ऑपरेशन, मल्टीविटामिन आदि पर शोध किए जा रहे हैं। वहीं, दूसरे तरह के शोध बीमारियों की पहचान व उनके शरीर में पहुंचने के कारणों की पड़ताल की जा रही है। इसमें पता चला है कि हमारे शरीर में रोजाना 10 बिलियन सेल्स बनती और नष्ट होती रहती हैं। यानी शरीर संतुलित सीमा में एक उम्र तक नया होता रहता है। हालांकि, सिर्फ हमारे दिमाग की चेतना एक जैसी बनी रहती है। जिसके भीतर तमाम तरह की आशंकाएं, दुख आदि भरे रहते हैं। यही बीमारी की भी जड़ है। क्योंकि हम जितना बीमारी के बारे में सोचेंगे वह उतनी बढ़ती जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने योग, ध्यान आदि की भारतीय पद्वति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इनके माध्यम से हम नकारात्मक विचारों को दूर कर शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। लिहाजा, इस दिशा में अब अधिक शोध करने की जरूरत है। दूसरी तरफ उत्तराखंड फार्मेसी परिषद के रजिस्ट्रार एमएल जोशी ने छात्रों को सरकारी योजनाओं और फार्मा क्षेत्र में कार्य कर करने पर रजिस्ट्रेशन की जानकारी दी। कार्यक्रम में सनराइज ऐकेडमी की प्रबंध निदेशक पूजा पोखरियाल, डॉ. आरएम सक्सेना, अंकिता चमोली, नीतू तोमर, मोनिका शर्मा, प्रतिभा खत्री, कमल रावत, प्रदीप सिंधवाल आदि उपस्थित रहे।