तीन व चार अगस्त को हल्द्वानी में होगी वन आरक्षी भर्ती परीक्षा

तीन एवं चार अगस्त को हल्द्वानी में वन आरक्षी भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा होनी है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने सभी अभ्यर्थियों को समय पर पहुंचने के लिए कहा है। गर्भवती महिलाओं को दौड़ में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 03:54 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 04:05 PM (IST)
तीन व चार अगस्त को हल्द्वानी में होगी वन आरक्षी भर्ती परीक्षा
तीन एवं चार अगस्त को हल्द्वानी में वन आरक्षी भर्ती की परीक्षा होनी है।

जागरण संवाददाता, देहरादून : तीन एवं चार अगस्त को हल्द्वानी में वन आरक्षी भर्ती की शारीरिक दक्षता परीक्षा होनी है। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने सभी अभ्यर्थियों को समय पर पहुंचने के लिए कहा है।

शनिवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि वन आरक्षी पद के महिला अभ्यर्थियों को शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए तीन अगस्त को सुबह छह बजे हल्द्वानी के गौलापार स्थित खेल स्टेडियम में पहुंचना है। जबकि पुरुष अभ्यर्थियों को चार अगस्त को पहुंचना है। गर्भवती महिलाओं को दौड़ में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्हें शारीरिक दक्षता परीक्षा का अवसर अलग से दिया जाएगा। इसके लिए वह अपना आवेदन पत्र व प्रमाण पत्र आयोग को ई-मेल करें। पुरुष अभ्यर्थियों को चार घंटे में 25 किलोमीटर की दूरी तरह करनी होगी। जबकि महिला अभ्यर्थियों को इतने ही समय में 14 किलोमीटर की दौड़ पूरी करनी होगी। बडोनी ने बताया कि देहरादून में आयोजित शारीरिक दक्षता परीक्षा में 816 अभ्यर्थियों ने दौड़ में भाग लिया, जिनमें 778 अभ्यर्थियों ने निर्धारित समय में दौड़ पूरी की। जबकि 413 महिला अभ्यर्थी दौड़ में शामिल हुईं, सभी ने निर्धारित समय में दौड़ पूरी की।

अनिवार्य, ग्राफिक एरा विवि में ला रिव्यू जर्नल का विमोचन

ग्राफिक एरा पर्वतीय विश्वविद्यालय में शनिवार को जीईएचयू (ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी) ला रिव्यू जर्नल के दूसरे संस्करण का विमोचन हुआ, इसमें कानूनी व सामाजिक सरोकारों से जुड़े विषयों के शोध पत्र प्रकाशित किए गए हैं। विश्वविद्यालय के डा. केपी नौटियाल आडिटोरियम में जर्नल का विमोचन करते हुए कुलपति डा. संजय जसोला ने कहा कि ग्राफिक एरा का यह जर्नल कानूनी शिक्षा के विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षकों की न्याय प्रक्रिया और कानूनी शिक्षा को सामाजिक परिपेक्ष्य में समझने में मददगार होगा।

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उन्होंने ग्राफिक एरा के शोधाॢथयों से उत्तराखंड के स्थानीय मुद्दों पर कानून से संबंधित विषय पर शोध करने पर भी जोर दिया। विवि के स्कूल आफ ला के विभागाध्यक्ष डा. विजेंद्र यादव ने कहा कि देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और ला कालेज के 25 शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र रिव्यू के लिए भेजे, जिसमें से 12 शोध पत्रों का जर्नल के लिए चयन किया गया। जर्नल के बोर्ड आफ रिव्यूअर में नेशनल ला यूनिवॢसटी मुंबई, इंडियन ला इंस्टीट्यूट दिल्ली, दिल्ली यूनिवॢसटी, आइआइटी खड़गपुर जैसे संस्थानों के प्रोफेसर और विशेषज्ञ शामिल हैं। कार्यक्रम में रजिस्ट्रार कैप्टन हिमांशु धूलिया, डीन रिसर्च डा. राजेश कुमार उपाध्याय, डा. नवतिका सिंह नौटियाल आदि शामिल रहे।

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