उपनल कर्मियों के आंदोलन को पूर्व सैनिकों का समर्थन, मांगों को ठहराया जायज

समान कार्य समान वेतन और नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत उपनल कर्मियों को पूर्व सैनिकों का भी समर्थन मिल रहा है। पूर्व सैनिकों के संगठन उपनल कर्मियों की मांगों को जायज ठहराते हुए धरनास्थल पर पहुंचकर उनका मनोबल बढ़ा रहे हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 10:20 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 10:20 AM (IST)
उपनल कर्मियों के आंदोलन को पूर्व सैनिकों का समर्थन, मांगों को ठहराया जायज
उपनल कर्मियों के आंदोलन को पूर्व सैनिकों का समर्थन।

जागरण संवाददाता, देहरादून। समान कार्य, समान वेतन और नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत उपनल कर्मियों को पूर्व सैनिकों का भी समर्थन मिल रहा है। पूर्व सैनिकों के संगठन उपनल कर्मियों की मांगों को जायज ठहराते हुए धरनास्थल पर पहुंचकर उनका मनोबल बढ़ा रहे हैं।

उपनल कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष कुशाग्र जोशी की अध्यक्षता में सहस्रधारा रोड स्थित एकता विहार में उपनल कर्मियों का धरना रविवार को सातवें दिन भी जारी रहा। उन्होंने कहा कि धरने में शामिल होकर उत्तराखंड पूर्व सैनिक और अद्र्ध सैनिक संगठन ने उनका समर्थन किया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कैप्टन भगत सिंह राणा ने उनकी ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उपनल कर्मियों की मांगों से अवगत कराया है।

इसके अलावा वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के पौत्र जीएस नेगी ने भी उपनल कर्मियों की मांगों का समर्थन किया है। संगठन के मुख्य संयोजक महेश भट्ट ने बताया कि रविवार को क्रमिक अनशन पर विनोद गोदियाल, दीपक चौहान, हरीश कोठारी, रोहित वर्मा, गरिमा, अनमोल, दीपक, नीरज और विनीत बैठे। उन्होंने कहा कि सात दिन बीतने के बावजूद सरकार की ओर से धरने पर बैठे कर्मियों की सुध नहीं ली गई है।

चेतावनी दी कि सरकार ने उनकी पीड़ा नहीं सुनी तो शीघ्र हजारों की संख्या में कर्मचारी धरनास्थल छोड़कर सड़कों पर उतरेंगे। इस दौरान हेमंत रावत, विद्यासागर धस्माना, हिमांशु जुयाल, मनोज चौहान, मनोज सेमवाल, दिनेश रावत, विपिन असवाल, विनय प्रसाद, मनवीर तड़याल, सोहन नेगी, कल्पना, पूनम, साधना, लक्ष्मी आदि उपस्थित रहे।

करीब 250 उपनल कर्मचारियों की सेवा समाप्त

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोनाकाल में तैनात किए गए लगभग 250 कर्मचारियों की सेवा समाप्त हो गई है। ये कर्मचारी पिछले एक सप्ताह से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, पर कॉलेज प्रशासन समाधान नहीं तलाश पाया। वहीं, सोमवार से सफाईकर्मियों ने भी हड़ताल पर जाने का एलान किया है। जिससे मरीजों की मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। दरअसल, कोरोनाकाल में अस्पताल में उपनल और पीआरडी के माध्यम से नॄसग व अन्य स्टाफ रखा गया था। जिनकी सेवाएं अब समाप्त की जा रही हैं। सेवा समाप्त करने के विरोध में ये लोग एक हफ्ते से हड़ताल पर हैं। 

करीब 100 से अधिक कर्मचारियों की सेवाएं 31 मार्च को समाप्त कर दी जाएंगी। अस्पताल प्रशासन इस समस्या से निजात पाने की रणनीति बना ही रहा है कि अब सफाईकॢमयों ने भी ठेका प्रथा के विरोध में आज से हड़ताल पर जाने की चेेतावनी दी है। जिससे अन्य सेवाओं के साथ ही अब सफाई व्यवस्था भी चरमरा सकती है। वहीं, प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। कर्मचारियों को समझाने का प्रयास भी किया जा रहा है। 

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