हरीश रावत ने ली चुटकी, कहा-मंत्रियों ने बनाई ब्यूरोक्रेसी पीड़ित यूनियन; बस अब सीएम का आवेदन बाकी

मंत्री रेखा आर्य और निदेशक के बीच विवाद ने कांग्रेस को एक और मुद्दा थमा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने मंत्रियों के सीआर लिखने को लेकर मुखर होने पर चुटकी ली है।

By Edited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 10:35 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 04:53 PM (IST)
हरीश रावत ने ली चुटकी, कहा-मंत्रियों ने बनाई ब्यूरोक्रेसी पीड़ित यूनियन; बस अब सीएम का आवेदन बाकी
पूर्व सीएम हरीश रावत ने ली चुटकी।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग में मंत्री रेखा आर्य और निदेशक के बीच विवाद ने कांग्रेस को एक और मुद्दा थमा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने मंत्रियों के सीआर लिखने को लेकर मुखर होने पर चुटकी ली है। उनका कहना है कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल के मंत्रियों की 'मंत्री बचाओ-अधिकार पाओ यूनियन' बन गई है। अब इस ब्यूरोक्रेसी पीड़ित यूनियन की सदस्यता के लिए सिर्फ मुख्यमंत्री का ही आवेदन आना बाकी है। 

सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि आइएएस षणमुगम को इस बात के लिए जरूर बधाई देनी चाहिए कि उन्होंने मंत्रियों की एक यूनियन बना दी है। सभी माननीय मंत्री लोग ब्यूरोक्रसी पीड़ित यूनियन के सदस्य बन चुके हैं। इसी मामले में सोशल मीडिया पर अन्य पोस्ट में उन्होंने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य को निशाने पर लिया। 
उन्होंने कहा कि विभागध्यक्ष कम विभागीय कमीशन पर आउटसोर्सिग एजेंसी को नियुक्त करते हैं। मंत्री भारी फीस अदा कर आउटसोर्सिग एजेंसी को उपकृत करना चाहती हैं। उनकी नजर में विभागाध्यक्ष का निर्णय गड़बड़ घोटाला है। अब यह राज्यवासियों को तय करना है कि इसकी सजा अपर सचिव या मंत्री या पूरी भाजपा सरकार को दी जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि उन जैसे राजनीतिक स्थिरता के वकीलों को अब चुप्पी साध लेनी चाहिए। 
हद हो गई। सरकार की एक मंत्री अपने विभागाध्यक्ष जो अपर सचिव भी हैं, उनको तलब करने के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख रही हैं। पत्र सार्वजनिक हो रहा है। सरकार का इकबाल खत्म हो चुका है। भ्रष्टाचार के लिए सरकार का साहस खुली चुनौती दे रहा है।
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