बीस दिन बाद भी पोर्टल पर अपडेट नहीं हो रहा मौत का आंकड़ा

कोरोना महामारी में व्यवस्थाएं लड़खड़ा गई हैं। स्थिति ये है कि अस्पताल अब मौत की जानकारी देने में भी सुस्ती बरत रहे हैं। यह जानकारी बीस दिन बीतने के बाद भी पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। इससे मौत का आंकड़ा भी एकाएक बढ़ जा रहा है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 01:29 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 05:25 PM (IST)
बीस दिन बाद भी पोर्टल पर अपडेट नहीं हो रहा मौत का आंकड़ा
बीस दिन बाद भी पोर्टल पर अपडेट नहीं हो रहा मौत का आंकड़ा।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना महामारी में व्यवस्थाएं लड़खड़ा गई हैं। स्थिति ये है कि अस्पताल अब मौत की जानकारी देने में भी सुस्ती बरत रहे हैं। यह जानकारी बीस दिन बीतने के बाद भी पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। इससे मौत का आंकड़ा भी एकाएक बढ़ जा रहा है।

देहरादून के रायपुर स्थित अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में बने कोविड केयर सेंटर में एक दिन पहले 12 मौत दर्शाई गई। वहीं 15 मौत रविवार के बुलेटिन में दर्ज हुई, जबकि ये 27 मौत एक या दो दिन में नहीं बल्कि 26 अप्रैल से अब तक हुई हैं। बताया गया कि यहां कोई डाटा एंट्री आपरेटर नहीं है। जिस कारण डाटा अपलोड करने में दिक्कत हुई है। अभी तक कोविड सेंटर के इंचार्ज स्वयं ये काम कर रहे थे, पर कुछ दिन पहले उनके स्वजन का कोरोना से निधन हो गया और वह छुट्टी पर हैं। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आनंद शुक्ला का कहना है कि डाटा एंट्री के लिए स्टाफ रखा था, पर वह संक्रमित हो गया। इस कारण व्यवस्था बनाने में दिक्कत आई थी, अब डाटा पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है।

संसाधनों का अभाव तो नहीं मौत की वजह

शुरुआत में कोविड केयर सेंटर में आक्सीजन बेड की व्यवस्था इसलिए की गई थी कि जिस किसी भी मरीज का ऑक्सीजन का स्तर 90 या ऊपर है उसे यहां भर्ती किया जाएगा। यदि किसी की हालत बिगड़ती है तो तुरंत उसे अस्पताल भेज दिया जाएगा। पर अस्पतालों में बेड की मारामारी के बीच यहां मजबूरन 70 से 80 या इससे कम आक्सीजन पर भी मरीज भर्ती करने पड़े हैं। सूत्र बता रहे हैं कि अत्यंत गंभीर मरीजों के लिहाज से यहां संसाधन व स्टाफ पर्याप्त नहीं हैं। ऐसे में इसी भी मौत की एक वजह माना जा रहा है। यह अलग बात है कि अब इस सेंटर का जिम्मा दून मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया गया है।

दून में एक दिन में दर्ज हुई दो दिन की मौत

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी शनिवार को तीस मौत होना दर्शाया गया था। जबकि मौत का आंकड़ा इससे काफी कम था। कोरोना कंट्रोल रूम से जानकारी लेने पर पता लगा कि यहां एक दिन पहले मौत का आंकड़ा शून्य था। कारण ये कि रिपोर्ट तब आई जब कोविड बुलेटिन फाइनल हो चुका था। ऐसे में ये संख्या और अगले दिन का आंकड़ा एकसाथ जुड़कर आया। जिससे मरने वालों की संख्या ज्यादा दर्ज हुई।

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