ऋषिकेश में चंद्रभागा नदी के किनारे हुए अतिक्रमण पर गरजी जेसीबी
मानसून से पूर्व चंद्रभागा नदी के किनारे अवैध झुग्गी झोपड़ी डालकर रह रहे अतिक्रमण कारियों पर कार्रवाई करते हुए नगर निगम तहसील व सिंचाई विभाग के संयुक्त अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाया। इस दौरान सरकारी जेसीबी चलाकर अवैध झुग्गी झोपड़ियों को ध्वस्त कर दिया गया।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। मानसून से पूर्व चंद्रभागा नदी के किनारे अवैध झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई करते हुए नगर निगम, तहसील व सिंचाई विभाग की टीम ने संयुक्त अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाया। इस दौरान सरकारी जेसीबी चलाकर करीब 70 अवैध झुग्गी झोपड़ियों को ध्वस्त कर दिया गया।
जिला प्रशासन के निर्देश पर चंद्रभागा नदी के किनारे बसे अतिक्रमण कार्यों को विभाग की ओर से दो दिन पूर्व नोटिस जारी कर दिए गए थे। नगर निगम की टीम ने पूरे क्षेत्र में मुनादी कराई थी। बावजूद इसके अतिक्रमण को भी जहां से नहीं हटे थे। पूर्व में कई बार सिंचाई विभाग ,नगर निगम प्रशासन व तहसील की संयुक्त कार्यवाही के दौरान यहां से अतिक्रमण हटाया जाता रहा है। संबंधित विभाग की लापरवाही के चलते अतिक्रमण धारी फिर से यहां बस जाते हैं। कुछ सफेदपोश नेताओं का संरक्षण इन अतिक्रमणकारियों को मिलता रहा है।
मंगलवार को कार्यवाही के दौरान कई लोग अपनी झुग्गी झोपड़ी से बाहर आने को तैयार नहीं हुए जिस पर पुलिस ने ने किसी तरह से बाहर निकाला। कई घरों के अंदर हैंडपंप लगे हुए पाए गए।अभियान के दौरान नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल, नगर निगम सहायक सहायक आयुक्त विनोद लाल, नायब तहसीलदार विजय पाल सिंह, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अनुभव नौटियाल पुलिस चौकी प्रभारी यात्रा अड्डा विनय शर्मा, सिंचाई विभाग के जिलेदार मौहम्मद यूसुफ, राजस्व अधिकारी नागेंद्र प्रसाद पंत, जेइ अवनीश रावत, सिंचाई विभाग के पर्यवेक्षक रणवीर सिंह नेगी, सफाई निरीक्षक अभिषेक मल्होत्रा, धीरेंद्र सेमवाल आदि मौजूद थे।
नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वीरियाल ने कहा कि जिलाधिकारी ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। वर्तमान में मानसून सत्र को देखते हुए नदियों के किनारों को खाली किया जाना जरूरी है। यदि अब फिर से यहां अतिक्रमण होता है तो संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
गरीबों के साथ प्रशासन ने दिया अमानवीयता का परिचय
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा कि जहां सरकार को आज गरीबों को मदद पहुंचाने का काम करना था वहीं दूसरी ओर निरंकुश प्रशासन ने अमानवीयता का परिचय दिया जो कि निंदनीय है। कोरोना से काफी लोग बेरोजगार हुए हैं परंतु सरकार मदद करने की बजाय उनसे छत छीनने का काम कर रही है। मौके पर उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ये अब कहां जायेंगे इनकी रहने व खाने की क्या व्यवस्था है परंतु किसी के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था।
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