Electricity workers: बिजली कर्मियों ने आंदोलन के लिए कसी कमर, यह है प्रमुख मांग

बिजली कार्मिकों ने पुरानी एसीपी की व्यवस्था समेत 14 सूत्री मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर दी है। यमुना कालोनी स्थित अधिशासी निदेशक मानव संसाधन उत्तराखंड जल विद्युत निगम के कार्यालय के गेट पर मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसमें आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा हुई।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 01:53 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 01:53 PM (IST)
Electricity workers: बिजली कर्मियों ने आंदोलन के लिए कसी कमर, यह है प्रमुख मांग
बिजली कार्मिकों ने पुरानी एसीपी की व्यवस्था समेत 14 सूत्री मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर दी है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: बिजली कार्मिकों ने पुरानी एसीपी की व्यवस्था समेत 14 सूत्री मांगों को लेकर आवाज बुलंद कर दी है। शनिवार को गेट मीटिंग में कार्मिकों ने विभिन्न मुद्दों पर विमर्श कर आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा की। पांच अक्टूबर तक मांगों के लिए शासनादेश न आने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए हुंकार भरी।

यमुना कालोनी स्थित अधिशासी निदेशक मानव संसाधन उत्तराखंड जल विद्युत निगम के कार्यालय के गेट पर मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसमें उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा हुई। सभा की अध्यक्षता नरेंद्र नेगी व संचालन पंकज सैनी ने किया। गेट मीटिंग में मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक, अभियंता संघ के अध्यक्ष कार्तिकेय दुबे, विद्युत डिप्लोमा इंजीनियर संघ के भानु प्रकाश जोशी, ऊर्जा कामगार संगठन से सोहन लाल शर्मा, हाइड्रोइलेक्ट्रिक इंप्लाइज यूनियन से गोविंद प्रसाद नौटियाल, बिजली कर्मचारी संघ से अनिल उनियाल, रेखा डंगवाल, प्रमोद कुमार, वीरेंद्र नेगी, सुशील नेगी, केशव उनियाल आदि ने प्रतिभाग किया।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड: प्राइमरी स्कूलों में बैकलाग के पदों पर पांच दिन में होगी नियुक्ति, प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने दिए निर्देश

यह हैं प्रमुख मांगें

मोर्चा की प्रमुख मांगें उपनल संविदा कार्मिकों के लिए समान कार्य समान वेतन, स्वयं सहायता समूह के तहत कार्यरत कर्मचारियों को पूरा वेतन व ईपीएफ की सही कटौती, नियमित कर्मचारियों की पुरानी एसीपी की व्यवस्था, पुरानी पेंशन को बहाल किया जाए आदि हैं।

21 से 23 सितंबर तक टूलडाउन

मीटिंग में निर्णय लिया गया कि 21 सितंबर से 23 सितंबर तक राज्य में टूल डाउन किया जाएगा। इसके बाद 23 सितंबर को जल विद्युत निगम मुख्यालय पर सत्याग्रह, 25 सितंबर को पिटकुल मुख्यालय और 27 सितंबर को ऊर्जा निगम मुख्यालय पर सत्याग्रह किया जाएगा।

यह भी पढ़ें- Chardham Yatra: चारधाम यात्रा में व्यावसायिक वाहनों के लिए ट्रिप कार्ड जरूरी, आनलाइन होगा आवेदन

chat bot
आपका साथी