बिजली आपूर्ति आवश्यक सेवा, पर कर्मचारी ‘आवश्यक’ नहीं; पढ़िए पूरी खबर

उत्तराखंड में ऊर्जा के तीनों निगमों के कर्मचारी सरकार के रवैये को लेकर मुखर हैं। विद्युत आपूर्ति आवश्यक सेवाओं में होने के बावजूद बिजली कर्मियों की सुरक्षा को ताक पर रखने का आरोप कर्मचारियों ने सरकार पर लगाया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 01:05 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 01:05 PM (IST)
बिजली आपूर्ति आवश्यक सेवा, पर कर्मचारी ‘आवश्यक’ नहीं; पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड में ऊर्जा के तीनों निगमों के कर्मचारी सरकार के रवैये को लेकर मुखर हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में ऊर्जा के तीनों निगमों के कर्मचारी सरकार के रवैये को लेकर मुखर हैं। विद्युत आपूर्ति आवश्यक सेवाओं में होने के बावजूद बिजली कर्मियों की सुरक्षा को ताक पर रखने का आरोप कर्मचारियों ने सरकार पर लगाया है। उन्होंने कर्मियों को फ्रंटलाइन वर्कर के तहत कोरोना वारियर घोषित करने और ऑनड्यूटी मौत होने पर परिवार को 50 लाख रुपये सम्मान निधि दिए जाने की मांग की है।

विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया है। मोर्चा के संरक्षक इंसारुल हक ने कहा कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, उड़ीसा में ऊर्जा कर्मचारियों को कोरोना वारियर घोषित कर मौत पर 50 लाख रुपये सम्मान निधि प्रदान करने का प्रविधान किया जा चुका है। लेकिन, उत्तराखंड सरकार को ऊर्जा कर्मियों और उनके परिवार की परवाह नहीं है। उत्तराखंड में बिजली आपूर्ति को आवश्यक सेवा में शामिल होने के कारण इससे संबंधित निगमों के कार्मिकों के आंदोलन पर रोक लगाई गई है। लेकिन, उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है।

सुध न ली तो कर्मचारी करेंगे कार्य बहिष्कार

विद्युत डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन की केंद्रीय कार्यकारिणी की ऑनलाइन बैठक में भी यही मुद्दा छाया रहा। कार्मिकों ने सरकार से मांग की है कि ऊर्जा निगम के कार्मिकों को कोरोना वारियर घोषित करें और कोरोना से मृत्यु होने पर कार्मिकों के आश्रितों को एक माह में रोजगार दिया जाए। उन्होंने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो 28 मई से हड़ताल पर विचार किया जाएगा। एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज सैनी ने कहा कि तीनों ऊर्जा निगमों में इसके अतिरिक्त भी कर्मचारियों की सभी समस्याएं शासन स्तर पर लंबित हैं। जिसके कारण उनमें भारी आक्रोश है।

पावर इंजीनियर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार

उत्तरांचल पावर इंजीनियर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात कर समस्या बताई। उन्होंने मुख्यमंत्री से समस्त ऊर्जा कर्मियों को कोरोना वारियर घोषित करने और कोरोना से मृत्यु पर सम्मान निधि 50 रुपये देने की मांग की। एसोसिएशन के महासचिव अमित रंजन ने कहा कि सेवा के दौरान निगमों में कार्यरत अनेकों कार्मिक कोरोना के संक्रमण से ग्रसित हुए और कई कार्मिकों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। ऊर्जा निगम में 17 कार्मिक, जल विद्युत निगम में तीन कार्मिक व पिटकुल में तीन कार्मिक कोरोना की भेंट चढ़ चुके हैं। विद्युत एक अतिआवश्यक सेवा की श्रेणी में आती है, लेकिन विद्युत अधिकारियों-कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित नहीं किया गया है। इन कार्मिकों के वैक्सीनेशन के लिए कोई पृथक आदेश नहीं निकाले गए हैं। जबकि राज्य के विभिन्न कार्मिक बैंक, बीमा एजेंट, डाक, स्वास्थ, सचिवालय आदि के कार्मिकों के लिए वैक्सीनेशन कैंप लगाने का शासनादेश जारी हो चुका है।

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