आठ फर्मों ने छिपाया 150 करोड़ का कारोबार, ऐसे हुआ खुलासा

आठ फर्मों ने 150 करोड़ रुपये के कारोबार को रिटर्न में दर्शाया ही नहीं। इस बात का खुलासा राज्य माल और सेवा कर विभाग की जांच में हुआ।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 14 Dec 2018 04:21 PM (IST) Updated:Fri, 14 Dec 2018 04:21 PM (IST)
आठ फर्मों ने छिपाया 150 करोड़ का कारोबार, ऐसे हुआ खुलासा
आठ फर्मों ने छिपाया 150 करोड़ का कारोबार, ऐसे हुआ खुलासा

देहरादून, जेएनएन। हरिद्वार-रुड़की क्षेत्र की आठ फर्मों ने 150 करोड़ रुपये के कारोबार को रिटर्न में दर्शाया ही नहीं। इस बात का खुलासा राज्य माल और सेवा कर विभाग की जांच में हुआ। अब इनसे बकाया कर की वसूली शुरू कर दी गई है। 

अपर आयुक्त (हरिद्वार जोन) राकेश टंडन के निर्देश पर गुरुवार को आठ टीमों में शामिल 50 से अधिक अधिकारियों ने हरिद्वार-रुड़की की आठ फर्मों की एक साथ जांच शुरू की। ये फर्म हार्डवेयर व विभिन्न मशीनरी के निर्माण से जुड़ी हैं। जांच में पता चला कि सभी फर्में ई-वे बिल के जरिये माल मंगा रही थीं और इसी माध्यम से माल की आपूर्ति भी कर रही थीं। हालांकि इस कारोबार को रिटर्न में नहीं दर्शाया जा रहा था। 

अपर आयुक्त टंडन ने बताया कि करीब 150 करोड़ रुपये के टर्नओवर को छिपा लिया गया था। हालांकि कर चोरी पकड़े जाने के बाद फर्मों ने करीब 2.75 करोड़ रुपये जमा करा लिए हैं। साथ ही करीब आठ करोड़ की राशि इस माह के अंत तक जमा कराने का भरोसा फर्म संचालकों ने दिलाया है। उन्होंने कहा कि कर चोरी करने वाले प्रतिष्ठानों पर जांच का सिलसिला जारी रहेगा। 

करोड़ों रुपये का गलत क्लेम भी पकड़ा 

अपर आयुक्त राकेश टंडन ने बताया कि इस तरह के मामले भी सामने आए हैं कि कई प्रतिष्ठान फर्जी फर्मों से खरीद दिखाकर आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का गलत तरीके से लाभ ले रहे हैं। लक्सर स्थित एक आयरन स्टील फर्म में ऐसा मामला पकड़ा भी गया है। यह करोड़ों के फर्जी आइटीसी के लाभ का मामला है। फर्म के रिकॉर्ड की जांच कर वसूली की तैयारी की जा रही है। इसी तरह अन्य फर्मों को भी राडार पर लिया गया है। 

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