घरों पर अदा की ईद की नमाज, फोन पर दी बधाई
शायद यह पहला मौका था जब ईद पर लोगों ने गले मिलने के बजाय शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए एक-दूसरे को बधाई दी।
जागरण संवाददाता, देहरादून: लॉकडाउन के बीच दून में ईद उत्साह और उल्लास के साथ मनाई गई। बंदिशों का पालन करते हुए मुस्लिम समुदाय ने घरों में ईद की नमाज अदा की और कोरोना महामारी से देश-दुनिया को बचाने व अमन-भाईचारे के लिए दुआ की। शायद यह पहला मौका था, जब ईद पर लोगों ने गले मिलने के बजाय शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए एक-दूसरे को बधाई दी। जो मित्र या रिश्तेदार पास नहीं थे, उन्हें सोशल मीडिया या फोन कर मुबारकबाद दी गई। शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी और नायब शहर काजी सुन्नी सैयद अशरफ हुसैन कादरी ने कहा कि लोगों ने पूर्व में की गई अपील पर अमल किया। कोई किसी के घर नहीं गया। अपने घर से ही एक-दूसरे को ईद की बधाई दी।
पूरे रोजे रखने के बाद रोजेदारों के लिए ईद किसी तोहफे से कम नहीं होती। लेकिन, इस बार कोरोना महामारी ने ईद की मिठास कुछ फीकी कर दी। हालांकि, मुस्लिम समुदाय के उत्साह और उल्लास में कोई कमी नहीं आई। सुबह ही लोग घर की साफ-सफाई कर नमाज की तैयारी में जुट गए। सभी ने घर में ही शारीरिक दूरी का पालन करते हुए नमाज अदा की। वहीं, ईदगाह और मस्जिदों में चंद लोगों ने नमाज पढ़ी। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए नमाज के वक्त पुलिस भी ईदगाह व विभिन्न मस्जिदों के बाहर गश्त करती दिखी। इसके बाद घरों में सेवइया, खीर, शीर आदि पकवान बनाए गए। जिनका परिवार के सभी सदस्यों ने साथ मिलकर लुत्फ लिया। समाज की सलामती के लिए लोगों ने इस बार मित्रों और रिश्तेदारों को ईद की दावत पर बुलाने से परहेज किया। उत्तराखंड मुस्लिम फोरम के महासचिव गुलफाम अली, मौलाना शाहनजर, एनएपीएसआर के अध्यक्ष आरिफ खान समेत मुस्लिम सेवा संगठन के सभी पदाधिकारियों ने घर पर ही नमाज अदा कर एक-दूसरे को बधाई दी। दोपहर बाद बाजार में चहल-पहल
गत वर्षो में ईद पर सुबह ही बाजार में खरीदारों की भीड़ उमड़ने लगती थी। लेकिन, इस बार सुबह बाजार शात रहा। दोपहर बाद चहल-पहल दिखी। सेवइया, फैनी, मेवे आदि की खूब खरीदारी हुई। सोशल मीडिया पर मुबारकबाद
घर में ईद की नमाज अदा करने के बाद बच्चों ने सोशल मीडिया पर फोटो पोस्ट कर एक-दूसरे को मुबारकबाद दी। कई बच्चों ने अपनी पोस्ट में कोरोना के खात्मे के लिए लोगों को शारीरिक दूरी बनाए रखने का संदेश देकर जागरूक भी किया। लोगों ने कमेट और शेयर के माध्यम से बच्चों की इस पहल की सराहना भी की।