शिक्षा मंत्री का पवनदीप प्रेम, जनता से कर रहे उसे अधिक से अधिक वोट देने की अपील
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय मेधावी छात्र-छात्राएं हों या उभरती प्रतिभाएं उनसे मुलाकात कर प्रोत्साहित करने का मौका नहीं छोड़ते। संगीत जगत में अपनी मधुर आवाज से पहचान स्थापित करने वाले और टीवी शो इंडियन आइडल के प्रतिभागी और चंपावत जिले के वल्चौड़ा गांव निवासी पवनदीप राजन के घर मंत्रीजी पहुंचे।
रविंद्र बड़थ्वाल, देहरादून। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय मेधावी छात्र-छात्राएं हों या उभरती प्रतिभाएं, उनसे मुलाकात कर प्रोत्साहित करने का मौका नहीं छोड़ते। संगीत जगत में अपनी मधुर आवाज से पहचान स्थापित करने वाले और टीवी शो इंडियन आइडल के प्रतिभागी और चंपावत जिले के वल्चौड़ा गांव निवासी पवनदीप राजन के घर मंत्रीजी पहुंचे। उन्होंने पवन की उत्कृष्ट गायकी की जमकर सराहना की। पवन के माता-पिता और बहनों को उन्होंने बधाई देते हुए उसके विजेता बनने की कामना भी की। अरविंद पांडेय चंपावत जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। मंत्रीजी पवनदीप के विजेता बनने की कामना करने के साथ ही उसे अधिक से अधिक वोट देने की अपील भी जनता से कर रहे हैं। वैसे वोट देने की अपील करने का उनका अंदाजा निराला है। हालांकि, यहां मामला कुछ अलग है। गायकी के हुनर के समर्थन में वोट मांगने हैं। वोट मांगने का अनुभव मंत्रीजी को काफी है। चार बार से लगातार विधायक हैं।
आप की काट को रणनीति
आम आदमी पार्टी यानी आप की मुहिम की काट के लिए शिक्षा विभाग खुद को पैना करने में जुटा है। आप दिल्ली में संचालित स्कूलों और शिक्षा व्यवस्था को बतौर माडल उत्तराखंड में पेश कर रही है। इसके लिए पार्टी की ओर से सेल्फी विद स्कूल अभियान छेड़ा गया। इसमें आप के कार्यकर्त्ताओं ने राज्य में स्कूलों की खराब हालत को दर्शाते हुए फोटो खींचकर इंटरनेट मीडिया पर जारी किए। विभाग इससे अचकचाया हुआ है। कोविड-19 काल में तकरीबन सालभर से बंद पड़े इन स्कूलों को लेकर सियासत नहीं करने की नसीहत शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय आप के नेताओं को दे चुके हैं। अब विभाग बंद पड़े प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के रखरखाव की योजना बना रहा है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट के प्राचार्यों को जिलों में सभी विद्यालयों के निरीक्षण का जिम्मा सौंपने की तैयारी है। प्राचार्य निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट विभाग को देंगे।
नए साल में बंधी उम्मीद
शिक्षकों को नए साल पर कई सालों से रुकी पदोन्नति का तोहफा मिलने की उम्मीद है। प्रदेश में राजकीय इंटर कालेजों के प्रधानाचार्य और हाईस्कूलों के प्रधानाध्यापकों के पद पदोन्नति के हैं। शिक्षकों की वरिष्ठता का मामला पिछले कई सालों से लटका है। इस मसले के समाधान की उम्मीदें पिछले कैलेंडर वर्ष में बंधीं थीं, लेकिन फिर टल गईं। अब नए कैलेंडर वर्ष में शिक्षकों के साथ ही इंटर कालेजों और हाईस्कूलों को मुखिया मिलने की मुराद पूरी हो सकती है। सरकार ने वरिष्ठता के लंबित मामले के सुलझाने को प्रत्यावेदन मंगाए हैं। दो हजार से ज्यादा शिक्षक आवेदन कर चुके हैं। अब नजरें इस पर टिकी हैं कि शासन स्तर पर शिक्षा, कार्मिक और न्याय विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में इस प्रकरण की सुनवाई कब प्रारंभ होती है। प्रत्यावेदन प्राप्त होने की प्रक्रिया रुकते ही विभागों के संबंधित अधिकारियों से बैठक के लिए तारीख लेने की तैयारी है।
स्कूल खोलने पर जारी मंथन
प्रदेश में कक्षा नौ और 11वीं की कक्षाओं को स्कूलों में संचालित करने पर इन दिनों मंथन चल रहा है। बीते नवंबर महीने से दसवी और बारहवीं की कक्षाओं के लिए स्कूल खोले जा चुके हैं। कक्षा छह से आठवीं तक कक्षाएं शुरू करने पर भी विचार किया गया। हालांकि इन पूर्व माध्यमिक कक्षाओं के लिए स्कूलों को खोलने के लिए अब निजी स्कूलों में भी उत्साह नजर नहीं आ रहा है। इन कक्षाओं में आनलाइन पढ़ा रहे निजी स्कूलों में वार्षिक परीक्षा का कैलेंडर तैयार किया जा चुका है। अगले माह ऑनलाइन वार्षिक परीक्षा की तैयारी की जा रही है। ऐसे में सिर्फ कुछ दिनों के लिए स्कूलों को खोलने को लेकर स्कूल संचालकों के साथ ही अभिभावकों में हिचक साफतौर पर बरकरार है। कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी के बावजूद राजय सरकार भी इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ाने के पक्ष में दिख रही है।